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भारत-चीन सीमा की जमीनी सच्चाई जानने के बाद दिल्ली लौटे सेनाप्रमुख, रक्षा मंत्रालय को सौंपेंगे रिपोर्ट

दिल्ली पहुंचकर वह केंद्रीय रक्षामंत्री सहित अन्य राजनीतिक नेतृत्व से मुलाकात कर सीमा की मौजूदा स्थिति सेना के प्रबंधों और आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 25 Jun 2020 01:10 PM (IST)Updated: Thu, 25 Jun 2020 04:50 PM (IST)
भारत-चीन सीमा की जमीनी सच्चाई जानने के बाद दिल्ली लौटे सेनाप्रमुख, रक्षा मंत्रालय को सौंपेंगे रिपोर्ट
भारत-चीन सीमा की जमीनी सच्चाई जानने के बाद दिल्ली लौटे सेनाप्रमुख, रक्षा मंत्रालय को सौंपेंगे रिपोर्ट

श्रीनगर, जेएनएन। भारत-चीन सीमा पर बने तनाव, सेना की तैयारियों और सीमा पर मौजूदा जमीनी हालात के बारे में जानकारी हासिल कर सेना प्रमुख एमएम रनवाने आज वीरवार दोपहर को वापस दिल्ली लौट गए हैं। दिल्ली पहुंचकर वह केंद्रीय रक्षामंत्री सहित अन्य राजनीतिक नेतृत्व से मुलाकात कर सीमा की मौजूदा स्थिति, सेना के प्रबंधों और आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे। 

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दिल्ली रवाना होने से पूर्व आर्मी चीफ ने वास्तविक नियंत्रण रेखा के सुरक्षा हालात मौजूदा चुनौतियों व तैयारियों पर चर्चा की। आर्मी चीफ ने बुधवार को पूर्वी लद्दाख का दौरा कर उन सैनिकों को सम्मानित किया था जिन्होंने अपने जवानों के शहीद होने के बाद चीन के सैनिकों को मुंहतोड़ जबाब दिया था।

भारत-चीन में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जाकर थल सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवाने ने अग्रिम चौकियों पर तैनात जवानों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि वे चीन के सामने इसी जोश के साथ डटे रहें। इसके बाद उन्होंने कमांडरों से बैठक में सेना की पूर्वी लद्दाख में ऑपरेशनल तैयारियों का जायजा भी लिया। उन्होंने पैंगांग व गलवन घाटी में चीनी सैनिकों के मंसूबों को नाकाम बनाने वाले पांच जवानों को प्रशस्ति पत्र भी दिया। इन जवानों ने अपने जवानों की शहादत का बदला चीनी सैनिकों को ढेर करके लिया।

एलएसी पर थल सेना प्रमुख का यह दौरा बेहद अहम था। इस दौरे से सेना के जवानों में नई ऊर्जा का संचार हुआ है। पूर्वी लद्दाख में चीन की सेना के मंसूबों को नाकाम बनाने के लिए बड़ी तैयारी के बीच यह दौरा बड़े मायने रखता है। सैन्य सूत्रों के अनुसार थलेसना प्रमुख ने अग्रिम इलाकों में कमांडरों से चर्चा कर सेना की ऑपरेशनल तैयारियों का जायजा लिया है। इसके अलावा सुरक्षा चुनौतियों से निपटने की रणनीति पर भी चर्चा की। उन्होंने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अग्रिम इलाकों में तैनात सैनिकों से बातचीत कर उनसे गलवन में खूनी ¨हसा से उपजे हालात को भी जाना है। इसके अलावा पूर्वी लद्दाख की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाले फील्ड कमांडरों से भी बातचीत की। इस मौके पर सेना की उत्तरी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी, लद्दाख की सुरक्षा संभाल रही सेना की 14 कोर के कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरेंद्र सिंह भी मौजूद थे।

पूर्वी लद्दाख में सैन्य तैयारियों को तेजी देकर थलसेना प्रमुख आज वीरवार दोपहर को नई दिल्ली वापस लौट गए। जनरल नरवने आज ही दिल्ली में रक्षा मंत्रालय को पूर्वी लद्दाख के मौजूदा सुरक्षा हालात के बारे में अपनी रिपोर्ट देंगे।


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