Kashmir Tourism: नई हाउसबोट नीति पर मुहर, डल और नगीन झील में 910 से अधिक नहीं होंगे हाउसबोट
नई नीति के मुताबिक प्रत्येक हाउसबोट में रसोईघर ठहरने की सुविधा फर्नीचर प्राथमिक चिकित्सा बिजली पावर बैकअप सैनिटेरी फिटिंग और आने-जाने के लिए शिकारा सुविधा भी होनी चाहिए। उपलब्ध सुविधाओं के मुताबिक ही उन्हें विभिन्न वर्गो में सूचीबद्ध किया जाएगा।
राज्य ब्यूरो, जम्मू: ऐतिहासिक डल और नगीन झील में पर्यावरण के अनुकूल पर्यटन विकास के लिए नई दिशा खुल गई है। झीलों में हाउसबोट के पर्यावरण के अनुकूल संचालन और पारिस्थितिकीय संतुलन के लिए नई हाउसबोट नीति पर जम्मू कश्मीर सरकार ने मुहर लगा दी है। इन दोनों झीलों में अधिकतम 910 हाउसबोट ही रहेंगे। सभी हाउसबोट को नियमों और मानदंडों पूरा करते हुए आनलाइन पंजीकरण कराना होगा।
पंजीकरण नई नीति की अधिसूचना जारी होने के 30 दिनों के भीतर कराना होगा। नीति के क्रियान्वयन के लिए पर्यटन विभाग के उपनिदेशक की अध्यक्षता में नियामक समिति बनाई जाएगी। पुराने व क्षतिग्रस्त हाउसबोट की मरम्मत के लिए भी नई नीति में प्रविधान किया गया है। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता रोहित कंसल के मुताबिक, नई नीति पर्यावरण के अनुकूल मजबूत पर्यटन विकास को सिरे तक पहुंचाएगी। इससे हाउसबोट का संचालन और बेहतर होगा। झील में ठहरने वाले पर्यटकों के अनुभव को उम्दा बनाएगी। हाउसबोट संचालकों की आजीविका भी सुनिश्चित होगी।
झील में क्रूज बोट और डोंगा क्रूज सेवा भी बहाल होगी। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में सोमवार को प्रदेश प्रशासनिक परिषद की बैठक में इस नीति पर मुहर लगी है। कश्मीर में डल और नगीन झील के अलावा झेलम दरिया में भी हाउसबोट हैं।
करीब 10 साल पहले तक 1500 हाउसबोट थे। बताया जाता है कि करीब 600 हाउसबोट मरम्मत के अभाव में पूरी तरह तबाह हो चुके हैं। फिलहाल, डल और नगीन झील में करीब 900 पंजीकृत हाउसबोट हैं। ये मानक जरूरी हैं प्रत्येक हाउसबोट और उससे जुड़ा जो भी ढाचा होगा, उसमें कचरा निष्पादन के लिए झील एवं जलमार्ग विकास प्राधिकरण (लावडा) द्वारा अनुमोदित डिजाइन के मुताबिक बायो डाइजेस्टर जरूरी है। हाउसबोट में सभी सुरक्षा उपकरण, बिजली की व्यवस्था और प्रशिक्षित स्टाफ होना चाहिए।
फायर एंड इमरजेंसी सर्विसिस विभाग का एक दल हाउसबोट में निर्धारित मानदंडों के मुताबिक सुरक्षा प्रबंधों की जाच करेगा। इसके बाद ही अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा। यह सुविधाएं होनी चाहिए नई नीति के मुताबिक, प्रत्येक हाउसबोट में रसोईघर, ठहरने की सुविधा, फर्नीचर, प्राथमिक चिकित्सा, बिजली, पावर बैकअप, सैनिटेरी फिटिंग और आने-जाने के लिए शिकारा सुविधा भी होनी चाहिए। उपलब्ध सुविधाओं के मुताबिक ही उन्हें विभिन्न वर्गो में सूचीबद्ध किया जाएगा।
नई सलाहकार समिति भी बनेगी: झीलों के संरक्षण और हाउसबोट की गतिविधियों की देखरेख के लिए कश्मीर के पर्यटन निदेशक की अध्यक्षता में सलाहकार समिति भी नई नीति के मुताबिक ही बनाई जाएगी। यह समिति पर्यटकों की बढ़ती संख्या के आधार पर हाउसबोट की गतिविधियों में आवश्यक बदलाव और सुधार की सिफारिश भी करेगी।