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अपनी पार्टी के युवा सम्मेलन में बोले पार्टी नेता- जम्मू-कश्मीर में युवाओं को बेरोजगारी की मार

पिछले तीस सालों में युवाओं ने सबसे अधिक भुगता है। उद्योग न होने के कारण युवा पूरी तरह से सरकारी नौकरियों पर निर्भर हैं। शिक्षकों की तीन सालों से भर्तियां नहीं हो रही हैं।तीन साल से सरकार न होने के कारण ही जम्मू-कश्मीर में कोई किसी की नहीं सुन रहा।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 22 Nov 2021 09:36 AM (IST)Updated: Mon, 22 Nov 2021 09:36 AM (IST)
अपनी पार्टी के युवा सम्मेलन में बोले पार्टी नेता- जम्मू-कश्मीर में युवाओं को बेरोजगारी की मार
उन्होंने आश्वासन दिया कि अपनी पार्टी जम्मू कश्मीर के युवाओं की बेहतरी के लिए काम करेगी।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : अपनी पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गुलाम हसन मीर ने जम्मू-कश्मीर में बढ़ती बेरोजगारी पर गंभीर चिंता व्यक्त की।मीर पार्टी की सुवा इकाई द्वारा आयोजित एक दिवसीय सम्मेलन में बोल रहे थे।

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मीरने कहा कि सरकार दावा कर रही है कि जम्मू-कश्मीर को विकास में आगे बढ़ाया जा रहा है लेकिन हमारे पास सबसे ज्यादा बेरोजगारी है।देश के बाकी हिस्सों की तुलना में जम्मू-कश्मीर में बेरोजगारी सबसे ज्यादा है। इस स्थिति को कम करने के लिए सरकार को तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने की जरूरत है।

मीर ने कहा कि भारत दुनिया भर में लोकतंत्र के लिए जाना जाता है, लेकिन जम्मू-कश्मीर के लोगों को लोकतांत्रिक सरकार से वंचित कर दिया गया है। उपराज्यपाल जम्मू-कश्मीर पर शासन कर रहे हैं। इन हालात को हल करने के लिए जम्मू-कश्मीर में एक निर्वाचित सरकार होनी चाहिए जो दोनों क्षेत्रों की समान रूप से आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करे। उन्होंने आगे कहा कि अपनी पार्टी का मानना है कि नए परिवेश में कश्मी या जम्मू केंद्रित सरकार कुछ नहीं कर पाएगी। पूरे जम्मू-कश्मीर की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करने वाली सरकार महत्वपूर्ण है।

मीर ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने से पहले सरकार को राज्य का दर्जा बहाल करना चाहिए। उन्होंने युवा नेताओं को जम्मू-कश्मीर के युवाओं का बिना किसी पूर्वाग्रह के उनके मुद्दों को उजागर करने को कहा। उन्होंने आश्वासन दिया कि अपनी पार्टी जम्मू कश्मीर के युवाओं की बेहतरी के लिए काम करेगी।

अपनी पार्टी के उपाध्यक्ष जुल्फिकार अली ने कहा कि युवा जम्मू-कश्मीर में संघर्ष का सबसे बड़ा शिकार हुए हैं। अपनी पार्टी के बारे में सभी जानते हैं। उन्होंने कहा कि रोजगार के नाम पर जम्मू कश्मीर के युवाओं के लिए सिर्फ चतुर्थ श्रेणी के पद है। अन्य पद अखिल भारतीय स्तर के लिए खुले हैं।हालाँकि हमने एक स्टैंड लिया और जम्मू-कश्मीर के युवाओं के लिए आदेश को उलट दिया।युवा उच्च शिक्षा हासिल करने के बाद भी बेरोजगार हैं। हमने अपना पूरा ध्यान युवाओं की ओर दिया है।

पिछले तीस सालों में युवाओं ने सबसे अधिक भुगता है। उद्योग न होने के कारण युवा पूरी तरह से सरकारी नौकरियों पर निर्भर हैं। शिक्षकों की तीन सालों से भर्तियां नहीं हो रही हैं।तीन साल से सरकार न होने के कारण ही जम्मू-कश्मीर में कोई किसी की नहीं सुन रहा है। अपनी पार्टी युवाओं के मुद्दों को लगातार उठा रही है। महासचिव विजय बकाया और असगर अली ने भी अपने विचार रखे।

कार्यक्रम में उपस्थित लोगों में निर्मल कोतवाल, पूर्व विधायक फकीर नाथ, प्रांतीय सचिव डॉ रोहित गुप्ता, अनुसूचित जाति राज्य समन्वयक बोध राज भगत, जिला अध्यक्ष जम्मू अर्बन, प्रणव शगोत्रा, जिलाध्यक्ष जम्मू ग्रामीण-ए,पुष्पा देव उप्पल, प्रांतीय समन्वयक भूतपूर्व सैनिक प्रकोष्ठ कुलवंत सिंह, प्रांतीय अध्यक्ष कानूनी प्रकोष्ठ अधिवक्ता विक्रम राठौर, प्रांतीय अध्यक्ष ट्रेड यूनियन, राज शर्मा प्रांतीय समन्वयक ओबीसी जम्मू सोहन सिंह शामिल थे।

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रोहित


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