Annual Drama Festival: नाटक ‘आधी रात के बाद’ के साथ संपन्न हुआ जम्मू में नाट्योत्सव
नटरंग का पांच दिवसीय नाट्योत्सव बुधवार को नाटक ‘आधी रात के बाद’ के मंचन के साथ संपन्न हुआ । शंकर शेष के लिखे इस नाटक का निर्देशन मोहम्मद यासीन ने किया ।नाटक ‘आधी रात के बाद’ देश की न्याय व्यवस्था पर बड़े सवाल उठाता है ।
जम्मू, जागरण संवाददाता: नटरंग का पांच दिवसीय नाट्योत्सव बुधवार को नाटक ‘आधी रात के बाद’ के मंचन के साथ संपन्न हुआ । शंकर शेष के लिखे इस नाटक का निर्देशन मोहम्मद यासीन ने किया ।नाटक ‘आधी रात के बाद’ देश की न्याय व्यवस्था पर बड़े सवाल उठाता है ।
नाटक का मुख्य पात्र एक चोर है़, जो अपने सवालों से न्याय व्यवस्था पर तीखा कटाक्ष करता है ।वह बताता है कि इस न्याय व्यवस्था में जो रसूखदार है ।पूंजीपति है ।पैसे वाला है ।वह बहुत बड़ा गुनाह कर भी बच जाता है, जबकि गरीब इसमें मारा जाता है ।नाटक आधी रात के बाद के मंचन की शुरुआत में एक चोर एक न्यायाधीश के घर में चोरी करने जाते दिखाया गया है ।लेकिन दरअसल वह चोरी करने नहीं बल्कि खुद को पुलिस से पकड़वाने के लिए जज के घर में घुसा है ।उसने मुंबई की एक चाल में एक पत्रकार की हत्या होते देखा है । यह हत्या के अमीर बिल्डर ने करवाई है ।इसलिए वह चाहता है कि उसके सीने में दफ्न यह राज पुलिस तक पहुंच जाए ।उसे डर है कि यदि वह इस मामले के गुनहगारों के हाथ लग गया तो उसे मार दिया जाएगा, इसलिए वह जेल जाना चाहता है, ताकि बचा रहे ।वह जज के घर में घुसते ही उनसे कहता है कि वे उसे पुलिस के हवाले कर दें । लेकिन घर के फोन डेड होने से ऐसा नहीं हो पाता है । ऐसे में जज के साथ उसका लंबा संवाद होता है ।जिसमें वह न्याय व्यवस्था की कई खामियों को उजागर करता है । इससे जज उससे बहुत प्रभावित होता है । वह जज के सामने हत्या से जुड़े सबूत रखता है । जिसके आधार पर पुलिस कार्रवाई करती है ।
नाटक के संवाद इतने कसे हैं कि वे दर्शक को बांधे रखते हैं ।नाटक का सस्पेंस दर्शकों की जिज्ञासा को शांत नहीं होने देता और वे अंत तक उसके मोहपाश में बंधे रहते हैं ।ज ज के रूप में बृजेश अवतार शर्मा और चोर की भूमिका में सुशांत सिंह चाढ़क ने अपने-अपने किरदारों को बेहद प्रभावशाली तरीके से निभाया ।अभिनव शर्मा ने अपनी छोटी-सी भूमिका से भी छाप छोड़ी । लाइटिंग नीरज कांत ने की ।ध्वनि नियंत्रण गोपी शर्मा ने किया।