Jammu Kidnapping Case : अनिरुद्ध अपहरण कांड में फिरौती के 20 लाख बरामद, चार गिरफ्तार
पांचवीं कक्षा के छात्र अनिरुद्ध शर्मा अपहरण कांड की जांच कर रही पुलिस की विशेष टीम ने फिरौती के 50 लाख में से 20 लाख रुपये बरामद कर लिए हैं।
जम्मू , [ अवधेश चौहान ] : पांचवीं कक्षा के छात्र अनिरुद्ध शर्मा अपहरण कांड की जांच कर रही पुलिस की विशेष टीम ने फिरौती के 50 लाख में से 20 लाख रुपये बरामद कर लिए हैं। इसके साथ दो और आरोपितों की गिरफ्तारी के साथ अब तक हिरासत में लिए गए आरोपितों की संख्या चार हो गई है। अपहरण कांड के मास्टरमाइंड संजय रैना उर्फ संजू व उसके दो साथियों अंग्रेज व अमृत की तलाश में पुलिस विभिन्न राज्यों में दबिश दे रही है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, जांच टीम ने अपहरण कांड के आरोपित अंग्रेज सिंह के टीकरी (ऊधमपुर) क्षेत्र में स्थित उसके घर से फिरौती के 20 लाख रुपये बरामद कर लिए हैं। यह रुपये अपहरणकर्ताओं ने अनिरुद्ध के पिता जोगेंद्र शर्मा से सात मई को जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर नंदनी और सुकेतर के बीच फिरौती के रूप में वसूले थे। पुलिस ने संजय के दो साथियों को गिरफ्तार कर लिया है, जिनकी पहचान सचिन और विलायत सिंह के रूप में हुई है। इन दोनों ने ही संजय के कहने पर जोगेंद्र शर्मा से फिरौती के लेनदेन का सौदा किया था। दोनों आरोपितों की मोबाइल लोकेशन अमृतसर में पाई गई थी। बाद में इन्हें देहरादून से गिरफ्तार कर लिया गया।
वहीं संजय की लोकेशन सात मई को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के पास मिली थी। उसके बाद से संजय का मोबाइल फोन बंद है। इस कारण पुलिस संजय तक पहुंच नहीं पाई है। अभी तक पुलिस ने अपहरण कांड में शामिल चार आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इसमें बलबीर सिंह, धीरज सिंह, सचिन व विलायत ¨सह शामिल हैं। पुलिस की विशेष जांच टीम का नेतृत्व कर रहे सांबा के एसएसपी कौशल शर्मा ने कहा कि पूछताछ के लिए करीब 15 संदिग्धों को भी हिरासत में लिया गया है। मामले की गुत्थी लगभग सुलझा ली गई है।
संजय की गिरफ्तारी के बाद खुलेंगे कई राज
मास्टर माइंड संजय बेहद शातिर अपराधी है। वर्ष जनवरी 2014 में अपनी नानी बसंती देवी की हत्या के बाद बाल सुधार गृह में कांउस¨लग के बाद वह छूटा था। रियासी में भी लूटपाट की बड़ी वारदात को अंजाम देने के बाद संजय राज्य से बाहर भाग गया था। उसे कोर्ट ने भगोड़ा भी घोषित किया था। संजय ने उत्तर प्रदेश, बिहार और दिल्ली में अपराध का नेटवर्क बढ़ाया, जहां उसने कई आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया। अप्रैल में ही संजय जम्मू के बड़ी ब्राह्मणा में जोगेंद्र शर्मा के घर पर रहने आया था। पुलिस ने मामले में गिरफ्तार आरोपितों से पूछताछ में संजय की आपराधिक पृष्ठभूमि के बारे में कई महत्वपूर्ण सुराग जुटाए हैं।
अलग-अलग सौंपी थी जिम्मेदारी
अपहरण के बाद फिरौती की वसूली के लिए संजय दूसरे प्रदेशों में बैठे अपने गुर्गो से अलग-अलग मोबाइल फोन नंबरों से काल करवाता रहा। संजय इतना शातिर है कि उसने अपने साथियों को अपहरण के लिए अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी थी। संजय ने बलबीर और अमृत के साथ मिलकर अनिरुद्ध का अपहरण किया, लेकिन बलबीर को सिर्फ बच्चे को अपने पास रखने का जिम्मा सौंपा था। फिरौती वसूली के बाद अनिरुद्ध को छोड़ने की कॉल अंग्रेज सिंह और उसके भांजे धीरज सिंह ने की थी। तब तक संजय राज्य से बाहर जा चुका था। पुलिस ने कॉल डिटेल से आरोपितों की लोकेशन का पता लगाया और अपहरण में इस्तेमाल इनोवा कार को भी जब्त कर लिया।
बातचीत से भी उठेगा पर्दा
अनिरुद्ध के अपहरण के बाद और उसके पिता से फरौती मांगे जाने से पहले संजय से छह मिनट 30 सेकेंड की बातचीत से भी पर्दा उठेगा, जो इस अपहरणकांड की अहम कड़ी है। पुलिस को शक है कि जोगेंद्र को पता था कि उसके बेटे का अपहरण किसने किया था।
डीजीपी आज कर सकते हैं अधिकारियों को सम्मानित
पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह अपहरण कांड की गुत्थी को सुलझाने वाले पुलिस की विशेष जांच टीम के सदस्यों को रविवार को सम्मानित कर सकते हैं। इसमें एसएसपी सांबा कौशल कुमार का महत्वपूर्ण योगदान है, जिन्होंने पूरे मामले की अपनी निगरानी में जांच की और हरेक कड़ी को जोड़ा। सबसे बड़ी बात अनिरुद्ध की सुरक्षित रिहाई रही, जिसमें पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारियों का योगदान रहा।
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