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Ladakh: आवारा कुत्तों की समस्या दूर करने के लिए पशु पालन विभाग लेह ने की अनोखी पहल, गोद देने के लिए लगाया शिविर

ह्यूमनिजम ग्रुप और एडॉप्ट स्ट्रे एनिमल लद्दाख के युवा स्वयंसेवक लंबे समय से आवारा कुत्तों के लिए घर खोजने में अथक प्रयास कर रहे हैं। ताशी नामग्याल ने संगठन के इस प्रयास की खूब सराहना की। संगठन द्वारा की गई इस पहल में स्थानीय लोगों ने भी पूरा सहयोग दिया।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 15 Feb 2021 09:03 AM (IST)Updated: Mon, 15 Feb 2021 09:27 AM (IST)
स्वास्थ्य संंबंधी सुविधा प्रदान करने के लिए निशुल्क स्वास्थ्य कार्ड भी प्रदान किए।

लेह, जेएनएन। केंद्र शासित प्रदेश लद्​दाख में एक अनोखी पहल हुई है। पशु पालन विभाग लेह ने बेजुबान जानवरों के प्रति ऐसी सोच दिखाई है, जिसे खूब सराहा जा रहा है। विभाग की ओर से लेह में आवारा कुत्तों को गोद देने के लिए विशेष शिविर का आयोजन किया गया। 

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ह्यूमनिजम ग्रुप और एडॉप्ट स्ट्रे एनिमल लद्दाख के युवा स्वयंसेवक लंबे समय से आवारा कुत्तों के लिए घर खोजने में अथक प्रयास कर रहे हैं। लेह हिल काउंसिल के कार्यकारी पार्षद ताशी नामग्याल याक्जी जो इस शिविर में बतौर मुख्यातिथि के रूप में उपस्थित थे, ने टीम के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि मानव और आवारा कुत्तों के बीच संघर्ष के कारण जो परेशानियां देखने को मिलती हैं, उसका समाधान आवारा कुत्तों को गोद लेने की नीति से बेहद आसानी से किया जा सकता है।

संगठन द्वारा की गई इस पहल में स्थानीय लोगों ने भी पूरा सहयोग दिया। शिविर के दौरान आवारा कुत्तों को गोद लेने के लिए काफी संख्या में लाेग पहुंचे थे। पशु पालन विभाग के अधिकारी ने बताया कि शिविर के दौरान करीब 15 आवारा कुत्तों को गोद लिया गया। विभाग ने गोद लेने वाले लोगों को कुत्तों के स्वास्थ्य संंबंधी सुविधा प्रदान करने के लिए निशुल्क स्वास्थ्य कार्ड भी प्रदान किए।

जानवरों के प्रति प्रेम और करुणा विकसित करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए ताशी नामग्याल याक्जी ने टीम को प्रदेश के दूसरे जिलों में भी इस तरह के अभियान को आयोजित करने का सुझाव दिया। उन्होंने आवारा पशुओं के कल्याण के लिए काम करने वाले पशुपालन विभाग, लेह और गैर सरकारी संगठनों दोनों को हिल काउंसिल से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।

वहीं मुख्य पशुपालन अधिकारी लेह डॉ. मोहम्मद इकबाल ने कहा कि जिले में लगभग सात हजार आवारा कुत्तों की नसबंदी की गई है। आने वाले दिनों में लगभग तीन से चार हजार आवारा कुत्तों की नसबंदी करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि इस शिविर के दौरान करीब 15 आवारा कुत्तों को लोगों ने अपनाया है। यह बहुत ही अच्छी बात है।


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