Jammu : ...ताकि महामारी के बीच भी धड़कते रहे दिल
कोरोना के मामले हजारों में आने से सभी प्रमुख अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं बंद कर दी गई थी। लेकिन कुछ ऐसे भी विभाग थे जिन्होंने कोरोना में भी अपने मरीजों का इलाज करना नहीं छोड़ा।उन्हीं में एक है सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का कार्डियालोजी विभाग।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग सबसे अधिक प्रभावित रहा। कोरोना के मामले हजारों में आने से सभी प्रमुख अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं बंद कर दी गई थी। लेकिन कुछ ऐसे भी विभाग थे जिन्होंने कोरोना में भी अपने मरीजों का इलाज करना नहीं छोड़ा। उन्हीं में एक है सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का कार्डियालोजी विभाग। इस विभाग के डाक्टरों ने दिन रात मेहनत कर कई मरीजों की बंद रही दिल कर धड़कनों को जारी रखने के लिए अथक प्रयास किया।
राजकीय मेडिकल कालेज की इमरजेंसी सहित सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के कार्डियालोजी विभाग में ऐसे मरीज आते हैं जिनके इलाज में थोड़ी सी लापरवाही भी उनकी मौत का कारण बन सकती है। मगर कार्डियालोजी विभाग के डाक्टरों ने कई मरीजों की एंजियोप्लास्टी की। पेसमेकर डाल कर उनकी जिंदगी को बचाया। विभाग के डाक्टरों के अनुसार दूसरी लहर में 70 मरीजों की एंजियोप्लास्टी की और इनमें से ही कुछ को पेसमेकर भी डाले। कार्डियालोजी विभाग के डाक्टरों ने यह काम अपनी कोविड डयूटी के बाद किया। इन डाक्टरों की भी कोविड के मरीजों की देखभाल की जिम्मेदारी सौंपी गई है। विभाग के एचओडी डा. सुशील शर्मा का कहना है कि यह सब विभाग के कंसल्टेंट, रेजीडेंट, टेक्निशयन और पैरामेडिकल स्टाफ की मेहनत के कारण ही संभव हो पाया है। कार्डियक कैथ लैब के स्टाफ ने बेहतरीन काम किया।
डा. सुशील ने कहा कि कोरोनरी केयर यूनिट ने मई महीने में दिन रात जाग कर काम किया है ताकि मरीजों काे कोई भी परेशानी न हो। उन्होंने कहा कि लोगों का सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के कार्डियालोजी विभाग पर विश्वास है। उन्हें पता है कि महामारी के समय में भी उन्हें निराश नहीं होना पड़ेगा। यहां पर मिलने वाला इलाज देश के किसी भी प्रतिष्ठित अस्पताल से कम नहीं है। लोग संतुष्ट होकर जाते हैं।