ऊधमपुर : खून ब्लॉक में तालाब की खुदाई करते हुए मिला प्राचीन शिव मंदिर, डीसी ने खुदाई का काम रूकाया
नक्की पंचायत के सारथा इलाके में शामलाट जमीन पर तालाब का निर्माण करने के लिए खुदाई का काम शुरु किया। इस जमीन पर छोटा सा टीला बना था। जहां पर तालाब निर्माण की खुदाई के दौरान वहां पर मिट्टी में प्राचीन पत्थरों का ढांचा नजर आया।
ऊधमपुर, अमित माही : मजालता तहसील के खून ब्लॉक में स्थित नक्की पंचायत के सारथा गांव में तालाब की जा रही खुदाई के दौरान एक प्राचीन शिव मंदिर मिला है। मंदिर कितना पुराना है यह पुरातत्व जांच के बाद ही पता चल पाएगा, मगर माना जा रहा है कि यह मंदिर सैकड़ों वर्ष पुराना है। पुरातत्व महत्व के होने की वजह से जिला प्रशासन के निर्देशों पर तहसीलदार मजालता ने आगे और खुदाई करने पर रोक लगा दी है। वहीं खुदाई के मिले इस शिव मंदिर में माथा टेकने के लिए इलाके के लोग पहुंच रहे हैं। रोज मंदिर में पूजा अर्चना करने के लिए लोग पहुंच रहे हैं।
मजालता के नक्की इलाके में यह प्राचीन मंदिर पांच दिन पहले उस समय अस्तित्व में आया, जब गांव के लोग वहां पर तालाब की खोदाई कर रहे थे। इस बारे में तहसील मजालता उत्तम सिंह पालसर ने बताया कि ग्रामीण विकास विभाग की ओर से मजालता की नक्की पंचायत के सारथा इलाके में शामलाट जमीन पर तालाब का निर्माण करने के लिए खुदाई का काम शुरु किया। इस जमीन पर छोटा सा टीला बना था। जहां पर तालाब निर्माण की खुदाई के दौरान वहां पर मिट्टी में प्राचीन पत्थरों का ढांचा नजर आया। और ज्यादा खुदाई करने पर सीढ़ियां और मंदिर का चबूतरा और मध्य में स्थापित एक प्राचीन शिवलिंग मिला।
उन्होंने बताया कि इसकी जानकारी मिलने पर वह खुद मौके पर गए। उनके मुताबिक अभी पैमाईश तो नहीं की गई है, मगर अनुमान के मुताबिक मंदिर का वर्गाकार ढांचा तकरीबन 25 से 30 वर्ग फीट डीसी ऊधमपुर को वाह्टसएप पर मंदिर के फोटो भेज कर इसके बारे में जानकारी दी गई है। खोदाई में मिले मंदिर के पुरातत्व महत्व के होने की वजह से डीसी ऊधमपुर के निर्देशों के चलते ग्रामीणों को और आगे खोदाई करने से रोक दिया गया है। ताकि मंदिर को किसी प्रकार का नुकसान न हो।
क्षेत्र के पटवारी और नायब तहसील को खुदाई रुकवाना सुनिश्चित करने के साथ गांववासियों को भी और खुदाई न करने के लिए मना कर दिया गया है। वहीं डीसी ऊधमपुर ने मंदिर मिलने से संबंधित फाईल सभी विवरण सहित बना कर जल्द भेजने को कहा है। जिससे की इसे पुरातत्व विभाग को भेजी जा सके।
वहीं मजालता ब्लॉक के बीडीसी चेयरमैन कैप्टन दीनानाथ ने बताया कि मजालता और खून क्षेत्र में कई प्राचीन मंदिर है। पांडव काल के एतिहासिक व पौराणिक महत्व वाले पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित बाबोर मंदिर भी मजालता में हैं। खोदाई में मिले मंदिर की शैली व बनावट को देखने से यह मंदिर भी सैकड़ों वर्ष पुराना प्रतीत होता है। यह कितना पुराना है यह पुरातत्व विभाग द्वारा जांच के बाद ही पता चल सकेगा।