मां वैष्णो के भक्त हुए निराश, भारी रश के कारण नहीं खोली गई प्राचीन गुफा
मकर संक्रांति के दिन श्रद्धालुओं का एकाएक भारी रश होने के कारण श्राइन बोर्ड प्रबंधन को ऐसा करना पड़ा।
कटड़ा, संवाद सहयोगी। मकर संक्रांति पर प्राचीन गुफा से प्रवेश कर मां वैष्णो देवी के दर्शन करने की इच्छा रखने वाले श्रद्धालुओं को निराश होना पड़ा। इस पावर पर्व पर श्रद्धालुओं का भारी रश होने के कारण श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने प्राचीन गुफा को श्रद्धालुओं के लिए खोलने से इंकार कर दिया। अलबत्ता काफी संख्या में श्रद्धालु पुजारियों के साथ सुबह तड़के प्राचीन गुफा की दिव्य आरती में शामिल हुए परंतु मुख्य पुजारी ने प्राचीन गुफा का प्रवेश द्वार खोल स्वयं उसमें प्रवेश कर मां भगवती की अराधना की और उसके बाद गुफा को बंद कर दिया गया।
दरअसल मकर संक्रांति के दिन श्रद्धालुओं का एकाएक भारी रश होने के कारण श्राइन बोर्ड प्रबंधन को ऐसा करना पड़ा। उनका तर्क था कि प्राचीन गुफा से दर्शन करने के लिए एक श्रद्धालु को ही पांच मिनट का समय लग जाता है। ऐसे में हजारों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं को प्राचीन गुफा से मां वैष्णो के पिंडी रूप में दर्शन करवाना संभव नहीं था। इसमें काफी समय लग जाता और श्रद्धालुओं को कई-कई घंटे कतारों में खड़ा होना पड़ता। एसडीएम भवन नरेश कुमार ने कहा कि मकर संक्रांति के दिन अकसर प्राचीन गुफा को श्रद्धालुओं के लिए खोला जाता है। इस दौरान श्रद्धालुओं का रश कम रहता है। सुबह जब प्राचीन गुफा के कपाट खोले जाने थे, भवन पर श्रद्धालुओं की संख्या करीब पंद्रह हजार पहुंच गई। ऐसे में श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखकर इसे उनके लिए खोला नहीं गया।
दस हजार से कम संख्या होने पर खोली जाती है प्राचीन गुफा
श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के अनुसार मकर संक्रांति के दिन प्राचीन गुफा को विधिवत पूजा अर्चना के बाद खोल दिया गया है। श्रद्धालुओं की संख्या अधिक होने के कारण उन्हें वहां से गुजरने की इजाजत नहीं दी गई। परंतु आज के बाद जब कभी भी श्रद्धालुओं की संख्या दिनभर में दस हजार से कम हुई। प्राचीन गुफा को उनके लिए खोल दिया जाएगा। एसडीएम भवन नरेश कुमार ने कहा कि फरवरी में श्रद्धालुओं की संख्या कम हो जाती है। अकसर उसी दौरान प्राचीन गुफा को खोला जाता है।