Amarnath Yatra 2020: अमरनाथ यात्रा पहलगाम में भूमि पूजन और ध्वजारोहण आज, यात्रा में लंगर लगाने वालों का पहला जत्था रवाना
इस साल यात्रा 23 जून को शुरू की जानी थी लेकिन कोविड-19 के संक्रमण से पैदा हालात के मद्देनजर अभी यात्रा की तारीख घोषित नहीं की गई है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। श्री अमरनाथ यात्रा की तैयारियों के बीच रविवार को व्यास पूर्णिमा पर पवित्र छड़ी मुबारक के संरक्षक और दशनामी अखाड़ा के महंत दीपेंद्र गिरी पहलगाम में लिद्दर दरिया के किनारे स्थित शिव मंदिर में भूमि पूजन और ध्वजारोहण करेंगे। इसके साथ ही पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, श्री अमरनाथ की वार्षिक तीर्थयात्रा का प्रारंभ माना जाता है।
हालांकि यात्रा की अनुमति मिलने तक अभी कोई भी श्रद्धालु पवित्र गुफा के लिए रवाना नहीं हो पाएगा। महंत दीपेंद्र गिरि ने कहा कि पौराणिक मान्यताओं के अनुरूप हम रविवार, पांच जुलाई को आषाढ़ पूर्णिमा जिसे व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं, के दिन पहलगाम में लिद्दर किनारे स्थित शिव मंदिर में भूमि पूजन करेंगे। नवग्रह पूजन और ध्वजारोहण होगा। इसके बाद छड़ी मुबारक दशनामी अखाड़ा लौट आएगी। 20 जुलाई को छड़ी मुबारक गोपाद्री पर्वत पर स्थित भगवान शंकर की आराधना के लिए शंकराचार्य मंदिर जाएगी। इसके बाद 21 जुलाई को श्रीनगर की अधीष्ठ देवी मां शारिका की पूजा के लिए पवित्र छड़ी मुबारक हारि पर्वत जाएगी।
दशनामी अखाड़ा में स्थित अमरेश्वर मंदिर में 23 जुलाई को छड़ी स्थापना और ध्वजारोहण होगा। इसके बाद 25 जुलाई को दशनामी अखाड़ा से पवित्र छड़ी मुबारक पवित्र गुफा के लिए रवाना होगी। इसमें संत महात्मा शामिल रहेंगे। रक्षाबंधन के दिन तड़के छड़ी मुबारक पवित्र गुफा में प्रवेश करेगी। बाबा बर्फानी के मुख्य दर्शन के उपरांत विशेष पूजा होगी।बता दें कि इस साल यात्रा 23 जून को शुरू की जानी थी, लेकिन कोविड-19 के संक्रमण से पैदा हालात के मद्देनजर अभी यात्रा की तारीख घोषित नहीं की गई है।
अमरनाथ यात्रा में लंगर लगाने वालों का पहला जत्था पंजाब से बालटाल रवाना
श्री अमरनाथ यात्रा के दौरा श्रद्धालुओं की सेवा करने के लिए लंगर लगाने वाले आने लगे हैं। शनिवार को एक ट्रक और तीन छोटे वाहनों से पंजाब के तीन लंगर संचालक श्री अमरनाथ यात्रा समिति के बैनर तले लखनपुर और जम्मू होते हुए बालटाल रवाना हुए हैं।
इस बार अमरनाथ यात्रा सिर्फ बालटाल मार्ग से होना ही प्रस्तावित है। कोरोना वायरस के चलते उपजे हालात में हालांकि, इस बार यात्रा शुरू करने को लेकर अभी कोई तिथि तय नहीं की गई है। जो लंगर कमेटियां आई हैं, उनमें चरण दास गाबा धान मंडी शाहकोट जालंधर, श्री बर्फानी बाबा जुगियाना, माता भंडारा समिति चौक कटरा आहलूवालिया अमृतसर के 18 सदस्य हैं।
इस बार यात्रा के दौरान ये पहला लंगर सेवकों का जत्था है, जो कोरोना संकट के बावजूद श्रद्धालुओं की सेवा के लिए तैयार हैं। हालांकि, इनका लखनपुर में कोरोना टेस्ट नहीं हुआ। इनका पहले से ही पंजाब में हुए टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी है। उसी के आधार पर उन्हें लखनपुर से आगे बढ़ने की अनुमति दे दी गई। गौरतलब है कि उक्त लंगर संचालक हर साल बाबा के भक्तों के लिए यात्रा मार्ग पर लंगर लगाते हैं, लेकिन इस बार हालात कुछ अलग हैं।