जागरण संवाददाता, जम्मू : पीडीपी के कार्यालय के बाहर तिरंगा फहराने वाले समाजसेवी सरदार अमनदीप सिंह बोपराय को गांधीनगर पुलिस ने मंगलवार को भारी दल-बल के साथ गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने कहा कि अमनदीप की गिरफ्तारी तिरंगा फहराने के लिए नहीं, बल्कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने पर की गई है। पीडीपी की ओर से थाने में इस संबंध में कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई है। वहीं, सामाजिक व राजनीतिक संगठनों ने पुलिस की कार्रवाई पर खासा रोष जताया। वहीं रात को अमनदीप को जमानत पर रिहा कर दिया गया।
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती द्वारा तिरंगे को लेकर दिए गए विवादित बयान के बाद 24 अक्टूबर को अमनदीप ने जम्मू के गांधी नगर स्थित पीडीपी कार्यालय में राष्ट्रीय ध्वज फहराया था। इसके अगले दिन अमनदीप फिर कई युवाओं के साथ तिरंगा रैली निकालते हुए पीडीपी कार्यालय पहुंचे थे। इस घटना के नौ दिन बाद मंगलवार को गांधी नगर अचानक अमनदीप को गिरफ्तार करने के लिए संजय नगर स्थित उसके घर पहुंची। घरवालों ने इसका विरोध किया। अमनदीप के परिजनों ने आरोप लगाया कि उनके साथ इस तरह का बरताव किया गया जैसे कि उनका बेटा कोई शातिर अपराधी हो।
इस बीच, एसपी सिटी साउथ दीपक ढिगरा ने कहा कि अमनदीप सिंह पर गांधी नगर पुलिस थाने में आइपीसी की धारा 188 के तहत मामला दर्ज था। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए जिला उपायुक्त (डीसी) ने रैली व जुलूस निकलाने पर पाबंदी लगा रखी है। अमनदीप ने इस आदेश का उल्लंघन किया था, जिसके तहत गिरफ्तारी हुई। मेरा बेटा दूसरा भगत सिंह बन गया :
अमनदीप के पिता सुखवंत सिंह ने कहा कि मेरा बेटा दूसरा भगत सिंह बन गया है। महबूबा ने जब कहा कि देश में तिरंगा उठाने वाला कोई नहीं रहेगा, तब उनपर कार्रवाई नहीं हुई। तिरंगा फहराने पर उसके बेटे को जेल भेज दिया गया। अकेले को गिरफ्तार करने 50 पुलिस कर्मी आए :
अमनदीप की पत्नी प्रभजोत कौर ने कहा कि मेरे पति को गिरफ्तार करने पचास के अधिक पुलिस कर्मी उनके घर आए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि घरवालों को पुलिस कर्मियों ने धमकी दी कि अमनदीप को गिरफ्तार करने से रोकोगे तो आप पर भी मामला दर्ज कर लिया जाएगा। अमनदीप के वकील को दो घंटे थाने के बाहर खड़ा रखा :
परिवार के अनुसार, अमनदीप के वकील व पिता सुखवंत सिंह जब गांधीनगर थाने में जमानत के लिए पहुंचे तो उन्हें एसएचओ के थाने में न होने की बात कहकर दो घंटे बाहर खड़ा रखा गया। आठ बजे वकील को थाने में जाने की इजाजत मिली। इसके बाद कानूनी कार्रवाई पूरा कर अमनदीप की जमानत करवाई गई। थाने से निकलते ही अमनदीप ने हाथ में सबसे पहले तिरंगा थामा और उसे लहराने लगे। अमनदीप ने कहा कि देश का तिरंगा उनकी आन व शान है।
राष्ट्रध्वज फहराने पर एक सिख युवक की गिरफ्तार से जम्मू कश्मीर में अलगाववाद की जड़ों की गहराई का अंदाजा लगाया जा सकता है। वहीं तिरंगे को नकारने वाली महबूबा आज भी खुलेआम संविधान की निंदा कर रही हैं।
-अंकुर शर्मा, इकजुट जम्मू के अध्यक्ष एडवोकेट
इससे बड़ी विडंबना और क्या होगी कि जम्मू कश्मीर में तिरंगा लहराने वाला जेल में और तिरंगा हटाने की बात करने वाले आराम से घर में बैठे हैं। यहा व्यवस्था बदली है, मानसिकता नहीं।
-अजात जंवाल, जम्मू कश्मीर यूनिटी फाउंडेशन के अध्यक्ष
ऐसा लगता है मौजूदा सरकार भी अलगाववादियों की समर्थक है। तिरंगा न उठाने का दावा करने वाली महबूबा को जेल में डाला जाना चाहिए था, लेकिन तिरंगा लेकर निकलने वाले एक पूर्व सैनिक को जेल में ठूंसा गया।
-डॉ. अजय चुरंगु, पनुन कश्मीर के अध्यक्ष
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