Jammu : राशन वितरण में धांधली का आरोप, डीलरों पर भड़के ग्रामीण
Ration Distribution In RS Pura 6`+सरपंच का यह भी कहना था कि डीलर निर्धारित समय पर राशन की दुकान नहीं खोलता। जब दुकान खोलता भी है तो सभी को राशन नहीं देता है। ऐसे में ग्रामीण अपनी समस्या किसे बताएं।
संवाद सहयोगी, आरएसपुरा : क्षेत्र की सलैड़ पंचायत में बुधवार को सरपंच प्रताप सिंह के नेतृत्व में ग्रामीणों ने राशन वितरण में बरती जा रही अनियमितता को लेकर राशन डीलरों के खिलाफ प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि उन्हें कई काम से उनके हिस्से का राशन नहीं मिल रहा है। यदि इस बारे में शिकायत की जाए तो राशन डीलर उनके साथ बदसलूकी करते हैं।
ग्रामीणों ने उपराज्यपाल से इस मामले की जांच करवाने की मांग की है। सलैड़ पंचायत के सरपंच प्रताप सिंह ने कहा कि सलैड़ पंचायत में लंबे समय से राशन वितरण में अनियमितता हो रही है, लेकिन मामले की जांच नहीं होने से यह मामला दबा हुआ है। यदि सरकार इसकी जांच करवाए तो इसमें बड़ी कालाबाजारी पकड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि राशन की कालाबाजारी और वितरण में धांधली का खामियाजा ग्रामीणों को उठाना पड़ रहा है।
अक्टूबर माह में किसानों की धान की फसल ओलावृष्टि से पूरी तरह बर्बाद हो गई। अभी तक सरकार ने उनको मुआवजा भी नहीं दिया है। ऐसे में अन्नदाता खुद दाने-दाने को मुहताज हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि राशन डीलर कागजों में राशन वितरण दिखा देता है, जबकि हकीकत में ग्रामीणों को राशन मिलता ही नहीं है।
सरपंच का यह भी कहना था कि डीलर निर्धारित समय पर राशन की दुकान नहीं खोलता। जब दुकान खोलता भी है तो सभी को राशन नहीं देता है। ऐसे में ग्रामीण अपनी समस्या किसे बताएं। अधिकारियों से शिकायत के बाद भी नहीं हो रही कार्रवाई सलैड़ पंचायत के सरपंच प्रताप सिंह ने बताया कि कोरोना काल में लोगों के लिए सरकार ने राशन भेजा, लेकिन इसे भी सभी को नहीं दिया गया। कई बार इस संबंध में खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों से भी शिकायत की गई, लेकिन कुछ नहीं किया गया। प्रताप सिंह ने आरोप लगाया कि हर माह राशन डीलर पंचायत के 80 प्रतिशत लोगों को राशन नहीं देता है। उन्होंने निशुल्क मिलने वाले राशन को पैसे लेकर लोगों को देने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि पंचायत सलैड़ में चार राशन डीलर हैं। इनके स्टाक और राशन वितरण की जांच होनी चाहिए। जल्द कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन शुरू करेंगे ग्रामीण प्रदर्शन में शामिल लोगों ने बताया कि वे राशन लेने के लिए घंटों लाइन में खड़े रहते हैं, लेकिन बाद में डीलर स्टाक खत्म होने का बहाना बनाकर उनको लौटा देता है। ऐसे में उनका समय बर्बाद होता है।
लोगों का कहना था कि जिस बड़े स्तर ग्रामीण इलाकों में राशन वितरण में धांधली हो रही है, वह बिना विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत के संभव नहीं है। इसलिए उनकी मांग है कि राज्य प्रशासन जल्द से जल्द इस मामले में कार्रवाई करे। ऐसा नहीं होने पर ग्रामीणों के पास आंदोलन शुरू करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं होगा।