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Jammu Kashmir: बीएड दाखिले को रेगुलर करने की मांग को लेकर दायर सभी याचिकाएं खारिज

संबंधित विश्व विद्यालय को सत्र 2018-20 में बीएड दाखिले को रेगुलर करने की मांग को लेकर दर्जनों याचिकाओं को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है।मांग थी कि विश्वविद्यालय को उनके दाखिले रेगुलर करने व दूसरे विद्यार्थियों के साथ उन्हें भी परीक्षा में बैठने की अनुमति देने का आदेश दिया जाए।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Thu, 27 May 2021 09:32 PM (IST)Updated: Thu, 27 May 2021 09:32 PM (IST)
Jammu Kashmir: बीएड दाखिले को रेगुलर करने की मांग को लेकर दायर सभी याचिकाएं खारिज
विश्व विद्यालयों के नियमों का उल्लंघन कर घाटी के विभिन्न कालेजों में दो साल के बीएड कोर्स में दाखिला लिया।

जम्मू, जेएनएफ। संबंधित विश्व विद्यालय को सत्र 2018-20 में बीएड दाखिले को रेगुलर करने की मांग को लेकर दर्जनों याचिकाओं को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। याचिकाकर्ताओं ने मांग की थी कि विश्वविद्यालय को उनके दाखिले रेगुलर करने व दूसरे विद्यार्थियों के साथ उन्हें भी परीक्षा में बैठने की अनुमति देने का आदेश दिया जाए।

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यह सभी याचिकाकर्ता कश्मीर घाटी के थे और विश्व विद्यालय की ओर से उनके दाखिले को रेगुलर न किए जाने से ये परीक्षा नहीं दे पा रहे थे। हाईकोर्ट ने इनकी दलीलों को खारिज करते हुए सभी याचिकाओं का एक साथ निपटारा कर दिया।हाईकोर्ट के जस्टिस अली मोहम्मद मार्गे ने पाया कि याचिकाकर्ताओं ने विश्व विद्यालयों के नियमों का उल्लंघन कर घाटी के विभिन्न कालेजों में दो साल के बीएड कोर्स में दाखिला लिया।

हाईकोर्ट ने पाया कि याचिकाकर्ताओं ने पहले विश्व विद्यालय की अधिसूचना के तहत दाखिला नहीं कराया और समय अवधि समाप्त होने के बाद सीधे कालेजों में दाखिला लिया जोकि विश्व विद्यालय के नियमों के विरुद्ध था। कालेजों ने भी याचिकाकर्ताओं के दाखिले संबंधी जानकारी तय समय में विश्व विद्यालय को नहीं दी जिससे उनका पंजीकरण नहीं हो पाया।

निर्धारित समय अवधि के बाद पंजीकरण के लिए आवेदन करने पर विश्व विद्यालय ने पंजीकरण की मांग ठुकरा दी जिसे कानून की नजर में गलत नहीं ठहराया जा सकता। हाईकोर्ट ने कहा कि नियमानुसार कोई भी कालेज बीएड कोर्स में अपने स्तर पर दाखिला नहीं दे सकता। ऐसे में विश्व विद्यालय को कालेजों में दाखिल किए गए विद्यार्थियों को रेगुलर करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। 


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