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Jammu Kashmir : सेहत योजना में शामिल हो सकेंगे सभी लोग, सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण से बाहर रहने वालों के लिए बनाई कमेटियां

जम्मू-कश्मीर में सेहत योजना में सभी लोगों को शामिल करने के लिए स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने नई प्रक्रिया और कमेटियों के गठन को मंजूरी दी है। इसका मकसद वर्ष 2011 के सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण से बाहर रह गए लोगों को भी योजना का लाभ पहुंचाना है।

By VikasEdited By: Published: Mon, 09 Nov 2020 08:22 PM (IST)Updated: Mon, 09 Nov 2020 08:22 PM (IST)
Jammu Kashmir : सेहत योजना में शामिल हो सकेंगे सभी लोग, सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण से बाहर रहने वालों के लिए बनाई कमेटियां
वह इस सेहत योजना कालाभ उठाना चाहता है तो उसे ब्लाक स्तर की कमेटी के समक्ष पेश होना होगा।

जम्मू, राज्य ब्यूरो । जम्मू-कश्मीर में सेहत योजना में सभी लोगों को शामिल करने के लिए स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने नई प्रक्रिया और कमेटियों के गठन को मंजूरी दी है। इसका मकसद वर्ष 2011 के सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण से बाहर रह गए लोगों को भी योजना का लाभ पहुंचाना है।

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स्वास्थ्य विभाग ने आदेश में कहा है कि कोई भी परिवार का मुखिया जिसके पास डोमिसाइल है और वह वर्ष 2011 के सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण में शामिल नहीं है। वह इस सेहत योजना कालाभ उठाना चाहता है तो उसे ब्लाक स्तर की कमेटी के समक्ष पेश होना होगा। इस कमेटी के चेयरमैन तहसीलदार को बनाया गया है।

कमेटी के चेयरमैन तहसीलदार को बनाया गया है

ब्लाक स्तर की कमेटी के चेयरमैन उस व्यक्ति के मामले की समीक्षा के लिए मामला ग्रामीण स्तर की कमेटी के पास भेजेंगे। ग्रामीण स्तर की कमेटी में पटवारी, विलेज नेवल वर्कर, खाद्य आपूर्ति विभाग का स्टोरकीपर और आशा वर्कर शामिल हैं। ग्रामीण स्तर की कमेटी यह देखेगी कि उसका घर में अलग चुल्हा और राशन कार्ड है तो वह ब्लाक स्तर की कमेटी के पास मामले को भेजेंगे। ब्लाक स्तर की कमेटी में तहसीलदार के अलावा बीडीओ, बीएमओ और टीएसओ शामिल हैं। ब्लाक स्तर की कमेटी पूरे मामले की समीक्षा करने के बाद अगर पाती है कि इस परिवार का पहले से हुए सर्वेक्षण में नाम नहीं है तो वह मुख्य चिकित्सा अधिकारी के पास मामला भेजेंगे और वह पहले से तैयार हो रहे डाटा में उसका नाम शामिल करेंगे।

ब्लाक स्तर की कमेटी को पांच दिपों के भीतर मामले की समीक्षा करनी होगी।वहीं सर्वेक्षण में स्थान नहीं बना पाने वाले जम्मू-कश्मीर के विस्थापितों को भी एक मौका दिया गया है। इसमें परिवार के मुखिया जिसके पास डोमिसाइल प्रमाणपत्र होगा, उसे कैंप, जोन स्तर की कमेटियों या फिर रेजीडेंट कमिश्नर नई दिल्ली के पास हाजिर होना होगा। कमेटी को सात दिन के भीतर मामले की समीक्षा करने के बाद इसे सहायता एवं पुनर्वास आयुक्त के पास भेजना होगा। इसके बाद ही वह उस परिवार को पहले से बन रहे डाटा में शामिल करेंगे। कैंप स्तर की कमेटी में तहसीलदार चेयरमैन होंगे जबकि बीडीओ, बीएमओ आर टीएसओ सदस्य होंगे। वहीं जोन स्तर की कमेटी में भी तहसीलदार ही चेयरमैन होंगे।


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