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Hindi Diwas 2021: जम्मू-कश्मीर कला, संस्कृति एवं भाषा अकादमी की ओर से अलका के हिंदी कविता संग्रह ‘आकांक्षाएं’ का विमोचन

उन्होंने पुस्तक की कुछ रचनाओं पर विशेष टिप्पणी करते हुए अलका को प्रेरित किया कि उनसे हिन्दी साहित्य काे काफी उम्मीदें जगी हैं। उन्हें आगे भी इसी लगन से लिखते रहना चाहिए। इसके अलावा ऊधमपुरी ने कहा कि युवाओं को अधिक से अधिक साहित्य पढ़ना चाहिए।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Tue, 14 Sep 2021 05:44 PM (IST)Updated: Tue, 14 Sep 2021 05:44 PM (IST)
Hindi Diwas 2021: जम्मू-कश्मीर कला, संस्कृति एवं भाषा अकादमी की ओर से अलका के हिंदी कविता संग्रह ‘आकांक्षाएं’ का विमोचन
डा. जितेंद्र ऊधमपुरी अलका की रचनाओं की सराहना करते हुए कहा कि उनकी रचनाओं में एक गंभीरता है।

जम्मू, जागरण संवाददाता । हिन्दी दिवस के मौके पर जम्मू-कश्मीर कला संस्कृति एवं भाषा अकादमी की ओर से अलका शर्मा की हिन्दी पुस्तक आकांक्षाएं का किया गया। पुस्तक का विमोचन पद्मश्री डा. जितेंद्र ऊधमपुरी, जम्मू कश्मीर कला, संस्कृति एवं भाषा अकादमी के अतिरिक्त सचिव डा. अरविंद्र सिंह अमन, डा. रतन बसोत्रा, यश पाल निर्मल, रोशन बराल ने सामूहिक रूप से किया।

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आकदमी परिसर में आयोजित एक साधारण कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डा. जितेंद्र ऊधमपुरी अलका की रचनाओं की सराहना करते हुए कहा कि उनकी रचनाओं में एक गंभीरता है। पुस्तक पढ़ते हुए लगता ही नहीं कि वह किसी युवा साहित्यकार को पढ़ रहें हैं।उन्होंने पुस्तक की कुछ रचनाओं पर विशेष टिप्पणी करते हुए अलका को प्रेरित किया कि उनसे हिन्दी साहित्य काे काफी उम्मीदें जगी हैं। उन्हें आगे भी इसी लगन से लिखते रहना चाहिए। इसके अलावा ऊधमपुरी ने कहा कि युवाओं को अधिक से अधिक साहित्य पढ़ना चाहिए।

अपने अध्यक्षीय भाषण में डा. अरविंद्र सिंह अमन ने पुस्तक में से कुछ रचनाएं पढ़कर उदाहरण देकर पुस्तक समीक्षा की और कहा कि यह उनके लिए सौभाग्य की बात है कि हिन्दी दिवस पर उन्हें अलका के हिन्दी संग्रह का विमोचन करने का मौका मिला। डा. अमन ने कहा कि हिन्दी की मांग लगातार बढ़ रही है। आज दुनिया को हिन्दी की जरूरत महसूस होने लगी है।बेश युवा साहित्य से कुछ दूर होता जा रहा है लेकिन साेशल मीडिया के लिए ही सहरी काफी कुछ नया रचा जा रहा है।अलका को प्रेरित करते हुए उन्होंने कहा कि वह आगे भी इसी तरह लिखती रहें। उनकी कलम में समाज को देने के लिए काफी कुछ नया झलक रहा है।

डा. रत्तन बसोत्रा और यशपाल निर्मल ने भी पुस्तक विमोचन के लिए अलका को शुभकामनाएं दी और कहा कि यह पुस्तक बहुत अच्छी है और उम्मीद है कि अलका शर्मा की ऐसी पुस्तकें आगे भी मिलेंगी।रचनाओं में नए-नए विचार हैं। आधुनिक बाल कविताएं प्रभावित करने वाली हैं। इस उपलक्ष पर अकादमी में कार्यरत रीटा खड़ेयाल, डोगरी भाषा अकैडमी के अध्यक्ष रोशन बराल, उपाध्यक्ष अजय जे शर्मा आदि उपस्थित रहे।कार्यक्रम का संचालन रोशन बराल ने किया और अजय जे शर्मा ने आमंत्रित मेहमानों का धन्यवाद किया।

कार्यक्रम के दौरान अलका शर्मा ने अपनी कुछ रचनाएं पढ़ कर सुनाई और उन सभी लोगों का आभार व्यक्त किया जिन्होंने उन्हें लिखने के लिए प्रेरित किया और पुस्तक प्रकाशित करने में सहयोग किया। 


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