Move to Jagran APP

एलएसी पर फाइटर की गर्जना जवानों का बढ़ा रही हौसला और चीन में पैदा कर रही डर

Combat Air Patrolling वायुसेना ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन की गतिविधियों पर पैनी नजर रखने के लिए कांबेट एयर पेट्रोलिंग में तेजी लाई है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Mon, 14 Sep 2020 09:30 PM (IST)Updated: Mon, 14 Sep 2020 10:59 PM (IST)
एलएसी पर फाइटर की गर्जना जवानों का बढ़ा रही हौसला और चीन में पैदा कर रही डर
एलएसी पर फाइटर की गर्जना जवानों का बढ़ा रही हौसला और चीन में पैदा कर रही डर

जम्मू, विवेक सिंह। Combat Air Patrolling: राफेल आने से और मजबूत हुई वायुसेना ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर निगरानी के स्तर को और बढ़ा दिया है। वायुसेना ने चीन की गतिविधियों पर पैनी नजर रखने के लिए कांबेट एयर पेट्रोलिंग में तेजी लाई है। लद्दाख के आसमान पर इस समय फाइटर, हेलीकॉप्टरों व ट्रांसपोर्ट विमानों का दबदबा है। फाइटर विमानों की गर्जना भारतीय जवानों व लद्दाख के लोगों का हौसला बढ़ा रही है और चीन के दिल में डर पैदा कर रही है। इस समय भारतीय वायुसेना तिब्बत में चीन की हवाई गतिविधियों पर नजर रखने के साथ अपनी मारक क्षमता को भी लगातार बढ़ा रही है। चीन तिब्बत के ऊंचाई वाले इलाकों से हवाई गतिविधियां संचालित कर रहा है।

loksabha election banner

वहीं, लगातार निगरानी कर रहे वायुसेना के कांबेट एयर पेट्रोलिंग में शामिल विमान, हेलीकॉप्टर त्वरित कार्रवाई करने में सक्षम हैं। वायुसेना की नाइट पेट्रोलिंग से लद्दाख में रात के समय फाइटर की गर्जना अब आम बात हो गई है। कारगिल के निवासी गुलाम पाशा का कहना है कि अब आसमान में विमान वैसे ही दिखाई देते हैं, जैसे कारगिल युद्ध के समय दिखते थे।

अपाचे, चिनूक और मिग 21 हर चुनौती के लिए तैयार 

वायुसेना के कांबेट एयर पेट्रोल में शामिल मिग 21 विमानों ने जम्मू-कश्मीर में गत वर्ष पाकिस्तान के हवाई हमले को तुरंत नाकाम बनाने के साथ उसका एक एफ16 विमान भी मार गिराया था। अब राफेल के आने के बाद किसी भी प्रकार की हवाई चुनौती का सामना करने की वायुसेना की ताकत और बढ़ गई है। इस समय लद्दाख के आसमान में लड़ाकू हेलीकॉप्टर अपाचे व मिग 29 विमानों का दबदबा है। अपाचे हेलीकॉप्टर को टैंक किल्लर भी कहा जाता है। वहीं, बड़े चिनूक हेलीकॉप्टर की मदद से आधुनिक एम 777 तोपों को चंद मिनटों में पूर्वी लद्दाख की चोटियों तक पहुंचाया जा सकता है।

क्विक रिएक्शन सर्फेस टू एयर मिसाइल सिस्टम तैनात 

सूत्रों के अनुसार, चीन पूर्वी लद्दाख में अपनी वायु क्षमता को बढ़ाने के लिए लगातार अपने बुनियादी ढांचे को मजबूत कर रहा है। इसमें पूर्वी लद्दाख के करीब विमानों के लिए अंडर ग्राउंड शेल्टर, अतिरिक्त रनवे व निगरानी सेंटर शामिल हैं। ऐसे हालात में भारतीय वायुसेना ने पूर्वी लद्दाख में दुश्मन के विमानों को मार गिराने के लिए अपने नवीनतम क्विक रिएक्शन सर्फेस टू एयर मिसाइल सिस्टम तैनात किया है। दोनों देशों में समझौते के अनुसार भारत व चीन के विमानों को उड़ते समय वास्तविक नियंत्रण रेखा से दस किलोमीटर की दूरी बनानी होती है। क्विक रिएक्शन सर्फेस टू एयर मिसाइल सिस्टम गत वर्ष ही भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल किया गया है। इसे वाहन पर फिट कर जरूरत के हिसाब से जल्द एक जगह से दूसरी जगह मूव किया जा सकता है। सिस्टम में लगी मिसाइल भारतीय क्षेत्र से दुश्मन के विमान को फौरन तलाश कर त्वरित कार्रवाई करते उसे तबाह कर सकती है। दुश्मन इस मिसाइल सिस्टम को जाम नहीं कर सकता है।

पंजाब व हरियाणा एयरबेस पर भी पूरी तैयारी 

इस समय लद्दाख में भारतीय वायुसेना व सेना अलर्ट पर है। ऐसे में जम्मू कश्मीर के अलावा पंजाब व हरियाणा के एयरबेस पर भी फाइटर विमान हर हालात का सामना करने के लिए तैयार हैं। इसके साथ पूर्वी लद्दाख में अपनी तीन एडवांस लैंडिंग ग्राउंड बनाने वाली वायुसेना वहां से बिना समय गवाए चंद मिनटों में चीन पर मारक प्रहार कर सकती है। सेवानिवृत्त ब्रिग्रेडियर अनिल गुप्ता का कहना है कि दुश्मन पर हवा से 24 घंटे निगरानी हो रही है। इसके साथ वायुसेना अपने आधुनिक सर्वेलांस सिस्टम से भी दुश्मन के इलाके की गतिविधियों पर पैनी निगाह रख रही है। भारतीय वायुसेना पहले से बहुत मजबूत हो चुकी है।

जानें, क्या होता है कांबेट एयर पेट्रोल 

कांबेट एयर पेट्रोल फाइटर विमानों का विशेष फ्लाइंग मिशन होता है। इसका मकसद किसी विशेष इलाके की सुरक्षा सुनिश्चित करना होता है। इस दौरान विमान इस मकसद से उड़ते हैं कि दुश्मन के विमान को किसी भी दुस्साहस से पहले ही तबाह किया जाए। ऐसे अभियान जल, वायु व जमीन पर अपने जहाजों, विमानों या किसी जगह की सुरक्षा करना होता है। इसी तरह वायुसेना का ग्राउंड कंट्रोल इंटरसेप्श्न (जीसीआइ) व एयरबोर्न वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (एवेक्स) कांबेट एयर पेट्रोल के फाइटर विमानों को दुश्मन के किसी भी प्रकार की हवाई गतिविधि के बारे में तुंरत सूचित करता है। इसके आधार पर कांबेट एयर पेट्रोल उसी समय मारक प्रहार करता है। एयरबोर्न वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम हवा में उड़ रहे किसी बड़े विमान में लगा होता है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.