India China Border Issue: रात को भी चीन को जवाब देने में सक्षम वायु सेना
भारतीय वायुसेना के अधिकारी का कहना है कि भारतीय वायुसेना किसी भी प्रकार के हालात में ऑपरेशन करने के लिए हरदम तैयार रहती है। रात के समय दुश्मन की अचानक कार्रवाई को नाकाम बनाया जाता है। ऐसे अभियानों में तकनीक के साथ हवाई योद्धाओं का बुलंद हौसला काम आता है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो: पूर्वी लद्दाख में चीन के मंसूबे नाकाम बनाने के लिए वायुसेना के विमान रात को भी दुश्मन पर करारा जवाब देने में सक्षम हैं। पूर्वी लद्दाख में वायुसेना की एडवांस लैंडिंग ग्राउंड से रात को फाइटर विमानों के साथ अपाचे व चिनूक हेहेलीकॉप्टर लगातार उड़ान भरकर देश की सरहदों की निगरानी कर रहे हैं। दुश्मन रात के अंधेरे में नापाक हरकत कर सकता है। ऐसे में वायुसेना के फाइटर विमान मिग 29, सुखोई- 30 एमकेआइ, जगुआर, ध्रुव दिन-रात दुश्मन की किसी भी साजिश को नाकाम बनाने के लिए तैयार हैं।
हेलीकॉप्टर उड़ाने वाले पाॅयलट भी नाइट विजन से लैस हैं। पूर्वी लद्दाख के चुनौतीपूर्ण हालात में रात को उड़ान आसान नहीं है। क्षेत्र में तेज गति से बर्फीली हवाएं चलती हैं। आक्सीजन की कमी चुनौती है। ऐसे हालात में अंधेरे में उड़ान भरते समय कड़ी एहतियात बरतना जरूरी है।
अग्रिम इलाके में तैनात भारतीय वायुसेना के अधिकारी का कहना है कि भारतीय वायुसेना किसी भी प्रकार के हालात में ऑपरेशन करने के लिए हरदम तैयार रहती है। रात के समय दुश्मन की अचानक कार्रवाई को नाकाम बनाया जाता है। ऐसे अभियानों में तकनीक के साथ हवाई योद्धाओं का बुलंद हौसला काम आता है। अधिकारी ने बताया कि लद्दाख जैसे इलाके में दुश्मन के मंसूबों को नाकाम बनाने के लिए वायुसेना की अहमियत है।
सर्दियों में रात में उड़ान भरना और भी मुश्किल हो जाता है। बर्फबारी के कारण ज्यादा दूर तक देखना संभव नहीं होता है। ऐसे में पायलट का अनुभव काम आता है। भारतीय वायुसेना के पायलट लद्दाख के दुर्गम हालात में उड़ान भरने केे माहिर हैं। कारगिल युद्ध के दौरान वायुसेना के फाइटर विमानों व अटैक हेलीकॉप्टरों ने चोटियों पर बैठे दुश्मन पर सटीक प्रहार कर जीत सुनिश्चित की थी।
पूर्वी लद्दाख में रावत ने सेना की ऑपरेशनल तैयारियों को जांचा
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने पूर्वी लद्दाख में चीन के सामने खड़ी सेना की ऑपरेशनल तैयारियों को जांचा। उन्होंने किसी भी प्रकार के हालात का सामना करने को उच्चतम सतर्कता बनाने के निर्देश दिए। जनरल रावत ने उत्तरी कमान मुख्यालय ऊधमपुर में जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी व सैन्य कमांडरों के साथ बैठक भी की। पूर्वी लद्दाख के हालात, रणनीतिक तैयारियों व सर्दियों की चुनौतियों का सामना करने के लिए उठाए जा रहे कदमों पर विचार विमर्श किया।
पूर्वी लद्दाख में 19 अक्टूबर को भारत-चीन में हालात बेहतरी के लिए जनरल ऑफिसर कमांडिंग स्तर की अहम बातचीत होने जा रही है। इसी बीच कमान मुख्यालय ऊधमपुर के बाद जम्मू के नगरोटा में सेना के 16 कोर मुख्यालय में पाक से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के हालात, घुसपैठ व गोलाबारी का सामना करने के लिए जारी मुहिम के बारे में जानकारी लेने के बाद रावत रविवार दिल्ली रवाना हो गए। उत्तरी कमान के दौरे के दौरान जनरल रावत ने कटड़ा में श्री माता वैष्णो देवी के दर्शन भी किए। इसी बीच, चीन का सामना करने की तैयारी के बीच चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के दौरे से पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर चौकसी बरत रहे सेना के जवानों का मनोबल बढ़ा है।
सेना के अधिकारी व जवान बुलंद हौसले के साथ चीनी सेना के सामने खड़े हैं। सेना पूर्वी लद्दाख में सर्दी की चुनौती का सामना करने के लिए जरूरी साजो सामान, राशन के साथ बुनियादी ढांचा जुटा रही है। चीन से तनाव के चलते सेना के शीर्ष अधिकारी लगातार उत्तरी कमान के दौरे कर ऑपरेशनल तैयारियों को धार दे रहे हैं। रावत से पहले थलसेना प्रमुख जनरल नरवाने कई बार उत्तरी कमान के क्षेत्राधिकार में आने वाले क्षेत्रों का दौरा कर चुके हैं। इन दौरों से जम्मू-कश्मीर व लद्दाख में सेना को हाई अलर्ट रखा है।