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Jammu : ट्राइकोग्रामा किलोनिस अंडों से फॉल आर्मी वार्म विदेशी कीट पर हमला, सफलता मिल रही

ट्राइकोग्रामा किलोनिस के अंडे से कीट के लारवा स्टेज पर पनपने के बाद यह कीट फाॅल आर्मी वार्म के अंडे को चट्ट करना शुरू कर देते हैं। ऐसे में अधिकांश अंडे नष्ट हो जाते हैं। देश-विदेश में इसी तरीके से फाल आर्मी वार्म कीटों को नियंत्रित किया जा रहा है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sun, 29 Aug 2021 02:11 PM (IST)Updated: Sun, 29 Aug 2021 02:11 PM (IST)
Jammu : ट्राइकोग्रामा किलोनिस अंडों से फॉल आर्मी वार्म विदेशी कीट पर हमला, सफलता मिल रही
सुंडी कीट को बीमार कर देता है और बाद में कीट मर जाता है।

जम्मू, जागरण संवाददाता: फाॅल आर्मी वार्म विदेशी कीट जिसकी जम्मू-कश्मीर में कई जगह पर उपस्थित दर्ज हो चुकी है, से निपटने के लिए वातावरण में ट्राइकोग्रामा किलोनिस कीट के चार लाख अंडे छोड़े गए हैं। अंडे मंगाने का क्रम जारी है। जहां तक कि इन अंडो का कल्चर यहीं पर हो, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। ट्राइकोग्रामा किलोनिस अंडों से फॉल आर्मी वार्म कीट के अंडे नष्ट हो जाते हैं।

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एसीआरए रख ध्यानसर ने दो हैक्टेयर भूमि के खेत पर ट्राइकोग्रामा कोलोनिस कीट छोड़े हैं। यह दूसरा प्रयास था। अब बाकी के क्षेत्र में इन अंडों को छोड़ने की तैयारी हो रही है। खासकर मक्की के खेतों में जहां फॉल आर्मी वार्म की उपस्थिति अधिक होती है। विशेषज्ञों का कहना है कि प्रयोग के सफल परिणाम सामने आ रहे हैं।

कैसे काम करते हैं ट्राइकोग्रामा कोलोनिस के अंडे: दरअसल ट्राइकोग्रामा किलोनिस एक परजीवी कीट है जोकि फॉल आर्मी वार्म के अंडों को खाता है। इसलिए फाॅल आर्मी वार्म के अंडों के आसपास ही ट्राइकोग्रामा किलोनिस के अंडे छोड़ने होते हैं। ट्राइको कार्ड पर यह अंडे चिपके होते हैं और मक्की के पत्ते के आसपास रख दिया जाता है। ट्राइकोग्रामा किलोनिस के अंडे से कीट के लारवा स्टेज पर पनपने के बाद यह कीट फाॅल आर्मी वार्म के अंडे को चट्ट करना शुरू कर देते हैं। ऐसे में अधिकांश अंडे नष्ट हो जाते हैं। देश-विदेश में इसी तरीके से फाल आर्मी वार्म कीटों को नियंत्रित किया जा रहा है।

खेतों में नीम के घोल का छिड़काव भी किया जाता है : स्कास्ट जम्मू के एडवांस सेंटर फार रेनफेड एग्रीकल्चर के सीनियर वैज्ञानिक डा रीना का कहना है कि फॉल आर्मी वार्म कीट व दूसरे कीटों से निपटने के लिए ट्राइकोग्रामा कोलोनिस के अंडों का सहारा तो लिया ही जाता है। मगर चरणबद्ध् प्रक्रिया में यह एक कड़ी है। इसके अलावा पहले चरण में हमें ट्रेपिंग करके फॉल आर्मी वार्म कीट पर नियंत्रण पाना होता है। उसके बाद ट्राइकोग्रामा कोलोनिस के अंडे वातावरण में छोड़ते हैं। उसके बाद खेतों में नीम के घोल का छिड़काव किया जाता है। आखिरी चरण में हम मेटारीजियम एनिसोपली बायो पेस्टीसाइड का छिड़काव करने के लिए कहते हैं। मेटारीजियम एनिसोपली एक फंगस है जोकि सुंडी कीट को बीमार कर देता है और बाद में कीट मर जाता है।

किसानों ने कहा, अब राहत के आसार बने : मक्की की फसल लगाने वाले किसान फॉल आर्मी वार्म के बढ़ते खतरे से परेशान हो रहे हैं। लेकिन अब उनको उम्मीद है कि इन कीटों पर नियंत्रण पाने के लिए जिस तरह से प्रयास हो रहे हैं, से किसानों को राहत मिलेगी। मक्की की फसल तबाह होने होने से बच जाएगी। वैज्ञानिकों द्वारा सुझाए गए सुझावों का अब किसान लोग पालन कर रहे हैं। फॉल आर्मी वार्म कीट जोकि भारत के कई राज्यों में अपनी उपस्थित दर्ज करवा चुका है, मक्की की फसल को जबरदस्त नुकसान पहुंचाता है। इसको लेकर भारत सरकार गंभीर है और इन कीटों से निपटने में जुटी हुई है। 


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