जम्मू-कश्मीर: दो वर्षों में सात लाख से अधिक लोगों को दिया कृषि और डेयरी उद्योग ने रोजागर
दो वर्षों में सात लाख लोगों का इससे जुड़ना यहां किसानों व ग्रामीण लोगों की आर्थिक स्थिति बेहतर करने का संकेत दे रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों से जम्मू कश्मीर के डेयरी उत्पादक मक्खन घी दूध आदि दुग्ध उत्पादन विदेशों तक भेजेंगे।
जम्मू, जागरण संवाददाता। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में पिछले दो वर्षों में सात लाख से अधिक लोगों ने कृषि एवं डेयरी उद्योग में रोजगार हासिल किया है। डेयरी उद्याेग में लोगों के आगे आने से जम्मू कश्मीर दुग्ध उत्पादनों में आत्मनिर्भर बनने की राह पर है और आने वाले दिनों में यहां के किसान व डेयरी उत्पादक राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बाजार में भेजने लगेंगे।
यह जानकारी कृषि उत्पादन एवं किसान कल्याण व पशु पालन विभाग के प्रमुख सचिव नवीन चौधरी ने मंगलवार को पहली डेयरी कांफ्रेंस में दी। उन्होंने आनलाइन इस कांफ्रेंस को संबोधित किया जिसमें उन्होंने बताया कि कृषि एवं डेयरी क्षेत्र रोजगार का बढ़िया साधन बनकर सामने आ रहा है। दो वर्षों में सात लाख लोगों का इससे जुड़ना यहां किसानों व ग्रामीण लोगों की आर्थिक स्थिति बेहतर करने का संकेत दे रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों से जम्मू कश्मीर के डेयरी उत्पादक मक्खन, घी, दूध आदि दुग्ध उत्पादन विदेशों तक भेजेंगे।
उन्होंने इस क्षेत्र में काम कर रहे किसानों व लोगों को बधाई देते हुए कहा कि उनके इन प्रयासों को देख अन्य लोग भी स्वयं रोजगार के महत्व को समझ सकेंगे। उन्होंने इस मौके पर सरकार की परवाज योजना बारे भी जानकारी दी। वहीं चाैधरी ने दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में बढ़ोतरी का श्रेय इंटेग्रेटेड डेयरी डेवलपमेंट स्कीम को दिया। चौधरी ने बताया कि नीति आयोग के सर्वे में जम्मू कश्मीर के किसानों को तीसरा जबकि कृषि क्षेत्र को पांचवां स्थान मिला है।
इस मौके पर प्रमुख सचिव ने किसानों से भी सीधा संवाद किया और उनकी भविष्य की योजनाओें को सुना। वहीं किसानों ने भी इस मौके पर उनके लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाआें की जानकारी भी ली। कांफ्रेंस में पशु पालन एवं कृषि विभाग के आला अधिकारियों के अलावा भारतीय पशु कल्याण बोर्ड कके सदस्य मोहन सिंह आहलुवालिया, डा. एके पाठक व स्कास्ट जम्मू के विशेषज्ञ भी शामिल हुए।