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Darbar Move: श्रीनगर में छह माह बाद फिर क्रियाशील हुआ नागरिक सचिवालय, न ध्वजारोहण हुआ-न ही परेड

ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में लगभग छह माह बाद नागरिक सचिवालय एक बार फिर पूरी तरह क्रियाशील हो गया। राजभवन सचिवालय और पुलिस मुख्यालय समेत सभी मूव कार्यालयों में प्रशासनिक गतिविधियां शुरु हो गई हैं। अलबत्ता दरबार मूव में शामिल सभी कार्यालयों में कोरोना संक्रमण का असर नजर आया।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Tue, 11 May 2021 09:50 PM (IST)Updated: Tue, 11 May 2021 10:36 PM (IST)
Darbar Move: श्रीनगर में छह माह बाद फिर क्रियाशील हुआ नागरिक सचिवालय, न ध्वजारोहण हुआ-न ही परेड
सचिवालय में कोई समारोह नहीं हुआ, परंपरागत ध्वजारोेहण और परेड भी नहीं हुई।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में लगभग छह माह बाद नागरिक सचिवालय एक बार फिर पूरी तरह क्रियाशील हो गया। राजभवन सचिवालय और पुलिस मुख्यालय समेत सभी मूव कार्यालयों में प्रशासनिक गतिविधियां शुरु हो गई हैं। अलबत्ता, दरबार मूव में शामिल सभी कार्यालयों में कोरोना संक्रमण का असर नजर आया। सचिवालय में कोई समारोह नहीं हुआ, परंपरागत ध्वजारोेहण और परेड भी नहीं हुई। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा आए और सीधे अपने कक्ष में पहुंचेे जहां उन्होंने वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों संग बैठक की। बैठक में प्रदेश के ताजा हालात विशेषकर कोरोना संक्रमन से उपजे हालात से निपटने की रणनीति पर विचार विमर्श किया। इस बीच, सचिवालय के आस-पास के इलाकों में सुरक्षा का कड़ा बंदोबस्त रहा।

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उल्लेखनीय है कि केंद्र शासित जम्मू कश्मीर में सर्दियों के दौरान नवंबर से अप्रैल के अंत तक जम्मू में रहती है और जम्मू को शरदकालीन राजधानी कहते हैं। गर्मियाें में मई की शुरुआत से अक्तूबर अंत तक श्रीनगर में ही राजधानी रहती है। सर्दियाें व गर्मियों के दौरान राजधानी के जम्मू-श्रीनगर स्थानांतरण की परंपरा डोगरा शाासकों ने शुरु की थी । वह छह माह अपना दरबार जम्मू में और छह माह श्रीनगर में रखते थे। इसलिए राजधानी के जम्मू से श्रीनगर और श्रीनगर से जम्मू स्थानांतरण को दरबार मूव कहा जाने लगा।

राजधानी इस बार भी गर्मियों के लिए जम्मू से श्रीनगर स्थानांतरित हो गई है, लेकिन इस बार पहले की तरह दरबार मूव में शामिल सभी कर्मचारी और विभाग स्थानांतरित नहीं हुए हैं। कोरोना संक्रमण से उपजे हालात के मददेनजर प्रदेश प्रशासन ने इस बार श्रीनगर और जम्मू सचिवालय में विभिन्न विभागों में बांट दिया है। करीब दो दर्जन विभागाध्यक्ष अपने पूरे साजाे सामान के साथ श्रीनगर में रहेंगे जबकि इतने ही विभाग जम्मू सचिवालय में काम करेंगे। जम्मू में जम्मू संभाग से संबंधित और श्रीनगर में कश्मीर संभाग से संबधित कर्मियों काे जैसे है जहां के आधार पर हालात सामान्य होने तक काम संभालने को कहा गया है। इसके अलावा सभी कार्यालयों में ई-आफिस व्यवस्था को लागू किया गया है, जिससे कोई भी प्रशासनिक काम किसी फाइल के चक्कर में कहीं नहीं रुके।

श्रीनगर जब गर्मियाें के दौरान पहले दिन सचिवालय खुलता है तो ध्वजरोहण और परेड होती है। जब जम्मू कश्मीर एक पूर्ण राज्य था तो उस समय मुख्यमंत्री या फिर मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति में राज्यपाल ध्वजारोहण करते हुए परेड की सलामी लेते थे। इसके बाद ही सचिवालय में औपचारिक रुप से काम काज शुरु हाेता था। अलबत्ता, आज कोई परेड नहीं ह़ुई। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा आए और सीधे अपने कक्ष में चले गए।

अलबत्ता, पुलिस मुख्यालय में पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने जरूर परेड की सलामी ली और श्रीनगर में पुलिस मुख्यालय के पुन: बहाल होने के मौके पर उन्होंने सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर कानून व्यवस्था व काेरोन से उपजे हालात का जायजा लिया। बाद में उन्होंने श्रीनगर में पुलिस के सभी मुख्य प्रतिष्ठानों व कार्यालयों का भी दौरा किया और संंबधित अधिकारियों के साथ बैठक की। राजभवन सचिवालय और जम्मू हाइकोर्ट श्रीनगर परिसर में भी आज से संबंधित गतिविधियां बहाल हो गई हैं। सचिवालय से बाहर दरबार मूव के कार्यालय भी श्रीनगर में क्रियाशील हो गए हैं।

इस बीच, आज श्रीनगर सचिवालय और उसके साथ सटे इलाकों में सुरक्षा का कड़ा बंदोबस्त रहा। पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों की अतिरिक्त टुकड़ियां दिन भर सचिवालय के आसपास के इलाकों में गश्त करती रही। हालांकि कोरोना लॉकडाउन के कारण सचिवालय के बाहर से गुजरने वाली सड़क पर आम आवाजाही नाममात्र ही थी, इसके बावजूद पुलिसकर्मी दिनभर मुस्तैद रहे।


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