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Militancy In Jammu Kashmir: कश्मीर के बाद जम्मू में ओवरग्राउंड वर्करों का नेटवर्क बना चुनौती

बेशक सुरक्षाबल बन टोल प्लाजा में जैश आतंकियों को मार गिराने और सुरंग को ढूंढ निकालने को लेकर अपनी पीठ थपथपाने में लगे हुए हैं लेकिन अभी तक ट्रक ड्राइवर जो आतंकियों को लेकर बन टोल प्लाज तक ले गया था का पता नहीं चल पाया है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 23 Nov 2020 07:29 AM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 07:29 AM (IST)
Militancy In Jammu Kashmir: कश्मीर के बाद जम्मू में ओवरग्राउंड वर्करों का नेटवर्क बना चुनौती
दरबार मूव की आड़ में ओजीडब्ल्यू सक्रिय हो जाते हैं।

जम्मू, अवधेश चौहान: कश्मीर के बाद अब जम्मू में ओवरग्राउंड वर्करों का नेटवर्क सुरक्षाबलों के लिए चुनौती बन गया है। नगरोटा बन टोल प्लाजा पर मारे गए चार आतंकियों की घुसपैठ के आगे ओवरग्राउंड वर्करों की भूमिका अहम थी। यह दावा जम्मू कश्मीर पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने रविवार सांबा सेक्टर में सुरंग मिलने के बाद मीडिया से बातचीत में किया। ओवरग्राउंड वर्कर आतंकियों के लिए ट्रक का इंतजाम करना, फूलप्रूफ सुरक्षा के बीच हथियार छिपाने के अलावा उन्हेंं हर तरह का सहयोग दे रहे हैं।

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ये ओजीडब्ल्यू पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ के लिए आतंकवाद की रीढ की हड्डी के समान हैं। इनके नेटवर्क ध्वस्त करने के लिए एजेंसियों से लेकर सुरक्षाबल जुट गए हैं। सरहद से सटे गांवों में नजर रखी जा रही है। जम्मू के अंतरराष्ट्रीय सीमा के आसपास व कश्मीर में ओजीडब्ल्यू काफी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। बेशक सुरक्षाबल बन टोल प्लाजा में जैश आतंकियों को मार गिराने और सुरंग को ढूंढ निकालने को लेकर अपनी पीठ थपथपाने में लगे हुए हैं, लेकिन अभी तक ट्रक ड्राइवर जो आतंकियों को लेकर बन टोल प्लाज तक ले गया था, का पता नहीं चल पाया है।

सुरक्षा एजेंसियां जांच में जुटी: ट्रक कहां से आया? इसकी नंबर प्लेट किसने बदली। यह ट्रक किसका था, किसने भेजा था? ये सवाल पहेली बने हुए हैं। ट्रक में आतंकवादियों के लिए पहले से बनाए पुख्ता बंकर में आतंकियों और उनके हथियारों को छुपाने के लिए जो योजना तैयार की उनमें किसका हाथ है? अभी भी सुरक्षा एजेंसियां जांच में जुटी हैं। सॢदयों में कश्मीर के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी के कारण आतंकियों की नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ बंद हो जाती है। इसलिए नवंबर से लेकर मार्च तक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आतंकियों के घुसपैठ के लिए जम्मू में ओजीडब्ल्यू के नेटवर्क को सक्रिय करती है। दरबार मूव की आड़ में ओजीडब्ल्यू सक्रिय हो जाते हैं। जो किसी भी वेष में होते हैं। 


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