कश्मीर में आखिर क्यों डाक्टरों के नुस्खों का आडिट करेंगी विशेषज्ञों की कमेटियां, पढ़ें क्या है पूरा मामला
स्वास्थ्य निदेशक ने सभी मुख्य स्वास्थ्य अधिकारियों को जिला और उप जिला अस्पतालों के लिए एक-एक नोडल अधिकारी भी नियुक्त करने को कहा। यह ओपीडी में हर दिन एक प्रतिशत नुस्खों की फोटो कापी लेकर इन्हें आडिट के लिए भेजेंगे।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। स्वास्थ्य निदेशक कश्मीर ने संभाग स्तर पर डाक्टरों के नुस्खों का आडिट करने के लिए कमेटी गठित करने के निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने मुख्य स्वास्थ्य अधिकारियों और चिकित्सा अधीक्षकों से इस बारे में एक-एक सदस्य मनोनीत करने को कहा। यही नहीं उन्होंने जिला स्तर पर इसी तरह की कमेटियां गठित करने के भी निर्देश दिए।
स्वास्थ्य निदेशक ने सभी मुख्य स्वास्थ्य अधिकारियों को जिला और उप जिला अस्पतालों के लिए एक-एक नोडल अधिकारी भी नियुक्त करने को कहा। यह ओपीडी में हर दिन एक प्रतिशत नुस्खों की फोटो कापी लेकर इन्हें आडिट के लिए भेजेंगे। उन्होंने जिला स्तर पर भी कमेटियां गठित करने को कहा और कमेटियों में कंसल्टेंट को शामिल न करने को कहा। उन्होंने कहा कि सिर्फ प्रशासनिक पदों पर बैठे डाक्टर ही कमेटी के सदस्य हों। वहीं नोडल अधिकारी नुस्खे लेकर कमेटियों को भेजेंगे कमेटी के सदस्य यह देखेंगे कि नुस्खे में जो दवाई लिखीै है वे बड़े अक्षरों में है या नहीं। इसमें डाक्टर का नाम, हस्ताक्षर और उसका पंजीकरण नंबर लिखा है या नहीं।
इसमें यह भी देखा जाएगा कि नुस्खों में जेनेरिक दवाइयां लिखी हैं या नहीं। क्या यह दवाइयां अस्पतालों से मरीजों को निशुल्क दी जा रही हैं या नहीं। आदेश में कहा गया है कि कई बार यह देखने में आता है क गैर जरूरी नैदानिक जांच के लिए लिखा होता है। यही नहीं मरीजों को बिना जरूरत के ही निजी क्लीनिकों और विशेषज्ञों के पास रेफर कर दिया जाता है। दवाइयां भी ड्रग और कास्मेटिक एक्ट के तहत नहीं लिख जाती है। इसी को संज्ञान में लेते हुए यह आदेश जारी किया गया है। नुस्खों का आडिट करने वाली कमेटियां हर पखवाड़े अपनी रिपोर्ट संभाग स्तर पर गठित कमेटियों को भेजेंगी। यही नहीं यह कमेटियां हर महीने कार्रवाई रिपोर्ट और सुधार के लिए अपने सुझाव स्वास्थ्य निदेशालय भेजेंगी।