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पर्यटन को पटरी पर लाने की बन रही कार्ययोजना

उपराज्यपाल के सलाहकार बसीर अहमद खान ने फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (फिक्की) द्वारा शनिवार को आयोजित एक वेबिनार में कहा कि जम्मू कश्मीर की अर्थव्यवस्था में पर्यटन उद्योग रीढ़ के समान है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Jun 2020 09:27 AM (IST)Updated: Sun, 21 Jun 2020 09:27 AM (IST)
पर्यटन को पटरी पर लाने की बन रही कार्ययोजना
पर्यटन को पटरी पर लाने की बन रही कार्ययोजना

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: प्रदेश में कोरोना लॉकडाउन से प्रभावित पर्यटन उद्योग को फिर से पटरी पर लाने के लिए प्रदेश प्रशासन एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) को तैयार कर रहा है। एसओपी को अंतिम रूप देने से पहले सभी संबंधित पक्षों से भी उसके प्रारूप को लेकर बातचीत होगी। पर्यटन फिर से पटरी पर लाने के लिए सरकार हर संभव प्रयास करेगी। इसके लिए आवश्यकतानुसार एक पैकज भी हो सकता है।

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उपराज्यपाल के सलाहकार बसीर अहमद खान ने फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (फिक्की) द्वारा शनिवार को आयोजित एक वेबिनार में कहा कि जम्मू कश्मीर की अर्थव्यवस्था में पर्यटन उद्योग रीढ़ के समान है। इसे पटरी पर लाना हमारी प्राथमिकताओं में एक है। जम्मू कश्मीर की आबादी का एक बड़ा हिस्सा इस पर ही निर्भर करता है, लेकिन पर्यटन उद्योग को बिना किसी ठोस रणनीति के खोलना घातक हो सकता है। ऐसा करना कोरोना के संक्रमण को गले लगाने जैसा हो सकता है। उन्होंने कहा कि पर्यटन क्षेत्र को फिर से बहाल करने के लिए एक एसओपी को तय किया जा रहा है।

फिक्की द्वारा आयोजित यह वेबिनार जम्मू कश्मीर में पर्यटन को फिर से बहाल करने और इसके विकास में निजी व सरकारी क्षेत्र की भागेदारी की संभावनाओं पर केंद्रित था। वेबिनार में फिक्की पर्यटन समिति के चेयरमैन और द ललित सूरी हास्पिटैलिटी ग्रुप की मुख्य प्रबंध निदेशक, कार्लसन रेजिडॉर होटल ग्रुप के दक्षिण एशिया क कार्यकारी उपाध्यक्ष केबी कचरु, महासचिव फिक्की दिलीप चिनाय समेत होटल, टूर एंड ट्रेवल इंडस्ट्री से जुड़े देश की नामी हस्तियों ने भाग लिया। वेबिनार का संचालन फिक्की ट्रेवल टेक्नोलॉजी कमेटी के को-चेयर आशीष कुमार ने किया। चरणबद्ध तरीके से होगी बहाली

सलाहकार ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र को चरणबद्ध तरीके से बहाल किया जाएगा। उन्होंने पर्यटकों को लुभाने के लिए संबधित प्राधिकारियों को तकनीक के इस्तेमाल से प्रचार गतिविधियां चलाने का निर्देश देते दिया है। उन्होंने कहा कि कश्मीर का पर्यटन गर्मी के मौसम पर आश्रित नहीं है, यहां पतझड़, सर्दी और बहार, हर मौसम पर्यटन के लिहाज से लाजवाब है। पर्यटन जगत से जुड़े लोगों से सुझाव मांगे

पर्यटन जगत से जुड़े लोगों से सुझावों को आमंत्रित करते हुए सलाहकार कहा कि कोरोना के लॉकडाउन के कारण पर्यटन जगत को बहुत नुकसान पहुंचा और इसे फिर से पटरी पर लाने के लिए सरकार की तरफ से हर संभव प्रयास किया जाएगा। इसके लिए आवश्यक्तानुरूप एक पैकज भी हो सकता है। प्रदेश में पर्यटकों की आमद को कोरोना के संकट के हल होने तक विनियमित किया जाएगा ताकि सभी सुरक्षित रहें। दूसरे राज्यों की कार्ययोजनाएं देख रहे

सलाहकार ने कहा कि हम लोग इस समय देश के अन्य राज्यों व केंद्र शासित राज्यों द्वारा पर्यटन उद्योग की पुनर्बहाली के लिए अपनाई गई कार्ययोजना का जायजा ले रहे हैं। इसके आधार पर जम्मू कश्मीर की सामाजिक, आर्थिक और भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए ही एसओपी बनाई जाएगी। एसओपी को अंतिम रूप देने से पहले सभी संबंधित पक्षों से बातचीत होगी।

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