Jammu Oxygen Plant : मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने में सामने आई लापरवाही, एक्सईएन निलंबित
कुछ दिन पहले ही जम्मू के डिवीजनल कमिश्नर डॉ राघव लंगर ने सड़क एवं भवन निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर यह कहा था कि जम्मू संभाग में ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट की खरीददारी इसे स्थापित करने और इन्हें शुरू करने में कई लापरवाहियां देखने को मिली हैं।
जम्मू, राज्य ब्यूरो: जम्मू संभाग के अस्पतालों में मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने को लेकर हुई कथित लापरवाही और खामियों की शिकायतों के बाद सरकार ने एग्जीक्यूटिव इंजीनियर मैकेनिकल मेडिकल अस्पताल और सेंट्रल हिटिंग डिवीजन जम्मू बोध राज को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।उनकी जगह सुपरिंटेडेंट इंजीनियर मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग सर्कल जम्मू राजीव गुप्ता को अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। निलंबन के समय के दौरान बोध राज सड़क एवं भवन निर्माण विभाग के डेवलपमेंट कमिश्नर के साथ अटैच रहेंगे।
कुछ दिन पहले ही जम्मू के डिवीजनल कमिश्नर डॉ राघव लंगर ने सड़क एवं भवन निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर यह कहा था कि जम्मू संभाग में ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट की खरीददारी, इसे स्थापित करने और इन्हें शुरू करने में कई लापरवाहियां देखने को मिली हैं। उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि जब मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने को लेकर ऑडिट करवाया गया तो पाया गया कि टेंडर प्रक्रिया में ही कई गड़बड़ियां कश्मीर के अपेक्षा जम्मू में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने में गुणवत्ता में भी समझौता किया गया है।
डिवीजनल कमिश्नर ने लिखा कि जम्मू में 17 जगहों पर मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने के लिए चीफ इंजीनियर मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग ने चार टेंडर आमंत्रित किए। वहीं कश्मीर में 19 जगहों पर मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ने 19 टेंडर आमंत्रित किए। इन दोनों में कई भिन्नताएं थी। कश्मीर में जहां ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट ने पीएसए तकनीक मांगी, वहीं जम्मू ने इसके साथ समझौता करते हुए इसमें पीएसए के साथ बीएसए का भी विकल्प रखा।
वहीं दोनों ने एयर सिस्टम, फिल्ट्रेशन सिस्टम सहित कई चीजों में जम्मू ने गुणवत्ता के साथ समझौता किया। जम्मू संभाग के लिए जो चार ई-टेंडर आमंत्रित किए गए थे। बाद में इनमें और संशोधन किए गए। डॉ राघव लंगर ने यह भी लिखा कि टेंडर में जो भी तकनीकी विवरण मांगे गए थे, उनमें यह साफ झलकता है कि कश्मीर संभाग में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा था। लेकिन जम्मू में ऐसा नहीं था। इन्हीं के आधार पर डिवीजनल कमिश्नर ने प्रमुख सचिव से इस पूरे मामले की जांच करवाने को कहा था।
प्रमुख सचिव ने जब इसकी जांच शुरू करवाई तो एक्सईएन बोध राज को जांच पूरी होने तक निलंबित कर चीफ इंजीनियर आरएंडबी कार्यालय के साथ अटैच कर दिया।