एयरपोर्ट विस्तारीकरण के लिए 20 मकानों, दुकानों पर चला बुलडोजर
बारिश के बीच बेघर कर गया प्रशासन चलाया बुलडोजर - फोटो 27 से 46 तक
जागरण संवाददाता, जम्मू : एयरपोर्ट विस्तारीकरण के लिए बुधवार को 20 मकानों और दुकानों पर जिला प्रशासन का बुलडोजर चला। बारिश के बीच हुई प्रशासन की इस कार्रवाई के खिलाफ लोगों में भारी रोष दिखा। आशियाने तोड़ दिए जाने से लोग रोते-बिलखते अधिकारियों से फरियाद करते नजर आए। अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन की कार्रवाई का विरोध करने के दौरान भी जब उनके आशियाने ढहा दिए गए तो उसे देख तीन महिलाएं बेहोश हो गई।
बुधवार को जिला प्रशासन के अधिकारी पुलिस बल के साथ एयरपोर्ट के नजदीक बनाए गए मकानों व दुकानों को तोड़ने की कार्रवाई अंजाम देने पहुंचे। दोपहर में करीब ढाई बजे प्रशासनिक अधिकारियों ने बुलडोजरों के साथ अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की। इससे पहले कि प्रशासन की कार्रवाई का भारी विरोध होता, करीब 20 मकान और दुकानों को ढहा दिया गया। यहां मकानों व ढांचों को तोड़ने की प्रक्रिया महीन भर पहले शुरू की गई थी। इसके लिए लोगों को नोटिस भी जारी किया गया था। चूंकि लोगों का पुनर्वास नहीं हुआ है, इसलिए लोगों में प्रशासन की कार्रवाई के प्रति भारी रोष दिखा। महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग चीख-पुकार करते घरों से सामान समेटने को मजबूर हुए। इंस्पेक्टर आरती ठाकुर के नेतृत्व में पहुंची महिला पुलिस ने रोष जता रही महिलाओं को शांत करने के साथ प्रदर्शन करने से मना करते हुए माहौल को न बिगड़ने देने के प्रयास किए। देर शाम तक प्रशासन ने अपनी कार्रवाई को जारी रखा। ---
कोर्ट में विचाराधीन है मामला
ज्वाइंट एक्शन कमेटी के प्रधान रमेश सिंह ने कहा कि जिला प्रशासन जनता को तंग करने पर अड़ गया है। करीब 8 आठ दुकानें और दर्जन भर मकानों को तोड़ा गया है। कर्नल पीएस रैणा, रोहित व पंकज समेत तीन लोगों को पुलिस ने पकड़ कर हिरासत में रखा। बारिश के बीच घरों से बाहर निकाला जा रहा है। ऐसे में लोग कहां जाएं। उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट विस्तारीकरण में एयरपोर्ट की एक तरफ 29 और दूसरी ओर 32 मकान व ढांचे आ रहे हैं। पिछले पांच वर्षों से लोग यहां रह रहे हैं। मामला अदालत के भी विचाराधीन है। प्रशासन कोर्ट की भी परवाह नहीं कर रहा। ---------
भारी पुलिस बल रहा मौके पर मौजूद
एक तरफ प्रशासन का बुलडोजर चल रहा था तो दूसरी तरफ परिवारजन व अन्य लोग इसका विरोध करते हुए कार्रवाई रोकने का प्रयास कर रहे थे। बड़ी संख्या में पुलिस की मौजूदगी के चलते उनकी एक नहीं चली। महिलाएं व बच्चे रोते-बिलखते हुए घरों से सामान समेट कर दूसरे स्थानों पर जाने को मजबूर हुए। बहुत से लोगों ने आसपास के घरों में सामान रखते हुए शरण ली। सुनीता, बबली ने कहा कि जिला प्रशासन मनमानी कर रहा है। हम एयरपोर्ट विस्तारीकरण का विरोध नहीं कर रहे, लेकिन उजाड़ने से पहले पुनर्वास तो किया जाना चाहिए। हमारी कोई सुन नहीं रहा। हमें बारिश के बीच बेघर कर दिया गया है। हम बच्चों, परिवार के सदस्यों के साथ इस मौसम में कहा जाएंगे। इसी बीच महिलाओं ने एयरपोर्ट के आउट गेट के सामने जिला प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन भी किया।
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दिव्यांग चरणजीत की दुकान पर भी चला बुलडोजर
अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन का बुलडोजर एयरपोर्ट रोड पर सिलाई-कड़ाई की दुकान चला रही दिव्यांग चरणजीत कौर की दुकान पर भी चला। चरणजीत कभी एक अधिकारी तो कभी दूसरे के पास जाकर दुहाई देती रही लेकिन किसी ने नहीं सुनी। बैसाखियों के सहारे सड़क पर भागदौड़ कर रही चरणजीत के अभिभावक पहले ही स्वर्ग सिधार चुके हैं। मुश्किल से वह अपना गुजारा कर रही हैं। अब उनके सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है।
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सड़क बंद होने से लगा जाम
एयरपोर्ट रोड पर अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन की कार्रवाई के चलते सतवारी चौक पर तार लगा दिए गए थे। किसी भी गाड़ी को आगे नहीं जाने दिया जा रहा था। इस कारण क्षेत्र में वाहनों का जाम आम होकर रह गया। दोपहर दो बजे से शाम तक लोगों को इस कारण भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। विभिन्न सड़कों से वाहनों के आने से यहां आम जैसी स्थिति बनकर रह गई थी।
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बारिश के बीच लोगों को बेघर करना सही नहीं: भल्ला
जागरण संवाददाता, जम्मू : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री रमण भल्ला ने जिला प्रशासन की इस कार्रवाई की कड़ी आलोचना की है। उनका कहना है कि बारिश के बीच लोगों को बेघर करना गलत है। एयरपोर्ट की स्ट्रिप का विस्तार करते हुए बाहरी क्षेत्रों में रहने वालों को समय दिया जाता। ऐसा करने के बजाय पहले लोगों पर बुलडोजर चलाया जा रहा है। यूटी बनने के बाद लोगों को यह कैसी राहत प्रदान की जा रही है। एयरपोर्ट के विस्तारीकरण में आने वालों का पुनर्वास नहीं किया गया। कोई पैसा उन्हें नहीं मिला। मामला कोर्ट में विचाराधीन है। बावजूद इसके लोगों को बारिश के बीच बेघर कर दिया गया। वही कांग्रेस के नेता सतीश शर्मा ने भी जिला प्रशासन की इस कार्रवाई को गलत करार दिया। उन्होंने कहा कि बीच बारिश के अभियान चलाने के बजाय लोगों को थोड़ा समय दिया जा सकता था।