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जम्मू कश्मीर में कोरोना से अकादमिक सत्र पटरी से उतरा, अब विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन शिक्षा ही सहारा

कोरोना के मामलों में लगातार बढ़ोतरी से शिक्षण संस्थानों को 31 मई तक बंद रखने के सरकार के आदेश से अकादमिक सत्र दूसरे वर्ष भी पटरी से उतरने लगा है। अब स्कूली शिक्षा और कोचिंग के लिए ऑनलाइन शिक्षा सहारा बनी है।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Mon, 03 May 2021 05:53 PM (IST)Updated: Mon, 03 May 2021 05:53 PM (IST)
जम्मू कश्मीर में कोरोना से अकादमिक सत्र पटरी से उतरा, अब विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन शिक्षा ही सहारा
लगातार ऑनलाइन शिक्षा से अभिभावकों में चिंता बढ़ गई है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो । कोरोना के मामलों में लगातार बढ़ोतरी से शिक्षण संस्थानों को 31 मई तक बंद रखने के सरकार के आदेश से अकादमिक सत्र दूसरे वर्ष भी पटरी से उतरने लगा है। अब स्कूली शिक्षा और कोचिंग के लिए ऑनलाइन शिक्षा सहारा बनी है। लगातार ऑनलाइन शिक्षा से अभिभावकों में चिंता बढ़ गई है मगर बच्चों की सुरक्षा को लेकर सरकार के कदम से संतुष्ट है। अब कोचिंग केंद्र भी ऑनलाइन कोचिंग देने लगे हैं।

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जम्मू कश्मीर में कोरोना की स्थिति विस्फोटक होती जा रही है। सरकार ने शिक्षण संस्थानों को पहले 15 मई तक बंद रखने के आदेश दिए थे लेकिन शिक्षण संस्थान बंद रखने की तिथि को बढ़ाकर 31 मई 2021 कर दिया है। अप्रैल में नया अकादमिक सत्र शुरू होता है जो पिछले वर्ष की तरफ इस बार ऑनलाइन शुरु हुआ है। इस बीच विद्यार्थियों ने आफलाइन शिक्षा के लिए कोचिंग संस्थानों का रुख किया था। कोरोना से खराब होते हालात के मद्देनजर सरकार ने कोचिंग संस्थान भी बंद कर दिए। कोचिंग संस्थान भी ऑनलाइन शिक्षा देना शुरू हुए है। अधिकतर विद्यार्थी इसके लिए तैयार नहीं है।

विद्यार्थियों के अभिभावकों का कहना है कि स्कूल में पढ़ाई ऑनलाइन और कोचिंग केंद्रों में भी ऑनलाइन । दोनों में कोई फर्क नहीं है तो कोचिंग संस्थानों से ऑनलाइन शिक्षा का कोई फायदा नहीं है। अधिक परेशानी नौवीं, दसवीं के विद्यार्थियों को हो रही है। दसवीं का परिणाम आने के बाद ग्यारहवीं कक्षा में विद्यार्थी दाखिला लेंगे और उनको भी कोचिंग की जरूरत होगी। नीट या जेईई मैन्स परीक्षा के लिए अधिकतर विद्यार्थी ग्यारहवीं में ही कोचिंग लेना शुरू कर देते हैं। कइयों ने तो प्रतिस्पर्धा की परीक्षा के लिए समय न बर्बाद करते हुए ऑनलाइन कोचिंग लेना शुरू कर दिया है। अभी जिस तरह के हालात है उससे यह साफ है कि सरकार जम्मू कश्मीर के शिक्षण संस्थानों में जून व जुलाई में गर्मी की छुट्टियां डाल देगी। इस तरह से यह तय हो गया है कि इस बार भी कई कक्षाओं में बाद में मॉस प्रमोशन होगी।

वहीं जम्मू कश्मीर बोर्ड आफ स्कूल एजूकेशन जल्द ही दसवीं कक्षा का परिणाम घोषित करने की तैयारी में है। दसवीं के दो पेपर नहीं हो पाए थे। बोर्ड पहले हुए पेपरों के आधार पर ही परिणाम तैयार कर रहा है। इसका मकसद यह है कि परिणाम घोषित होने के बाद ग्यारहवीं कक्षा की दाखिला प्रक्रिया को पूरा करके ऑनलाइन कक्षाएं शुरू की जा सकें।


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