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हिमवीरों के संघर्ष की नई इबारत लिख गया दिसंबर, नवंबर में सड़क संपर्क से कट जाता था लद्दाख, अब जोजिला पास अभी तक खुला है

सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के हिमवीरों के संघर्ष ने एक नई इबारत लिख दी है। अब जोजिला पास दिसंबर के अंत में भी खुला है। शून्य से नीचे के खून जमाने वाले तापमान में भी बीआरओ कर्मी आधुनिक मशीनों के साथ सड़कों पर जमी बर्फ को ठहरने तक नहीं देते।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Published: Fri, 31 Dec 2021 09:14 AM (IST)Updated: Fri, 31 Dec 2021 09:14 AM (IST)
हिमवीरों के संघर्ष की नई इबारत लिख गया दिसंबर, नवंबर में सड़क संपर्क से कट जाता था लद्दाख, अब जोजिला पास अभी तक खुला है
इस समय बर्फ से लदे जोजिला पास को पार करना आसान काम नहीं है।

विवेक सिंह, जम्मू : कभी नवंबर में सड़क संपर्क से लद्दाख पूरे देश से कट जाता था। जोजिला पास पर पांच से आठ फीट तक बर्फ जमा हो जाती। करीब पांच माह इस मार्ग के खुलने में लग जाते, लेकिन अब सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के हिमवीरों के संघर्ष ने एक नई इबारत लिख दी है। अब जोजिला पास दिसंबर के अंत में भी खुला है। शून्य से नीचे के खून जमाने वाले तापमान में भी बीआरओ कर्मी आधुनिक मशीनों के साथ सड़कों पर जमी बर्फ को ठहरने तक नहीं देते। अब वे नए वर्ष का स्वागत भी इसी जोश के साथ कर जनवरी में जम्मू कश्मीर को लद्दाख से जोड़ने वाला जोजिला पास को खुला रखकर नया रिकार्ड बनाने में मुस्तैद हैं। मकसद है कि सेना का साजो सामान बिना रुकावट सरहद तक पहुंच सके।

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चीन-पाकिस्तान से लगती सीमा की रक्षा कर रही सेना के बढ़ते कदम न रुकें, इसके लिए कड़ाके की ठंड और दुर्गम हालात में हिमवीर जान हथेली पर लेकर दिन-रात काम कर रहे हैं। वे आधुनिक उपकरणों से बर्फ को हटाकर सड़क संपर्क को बहाल करने में जुटे हैं। हालांकि यह जद्दोजहद नवंबर से शुरू हो जाती है। यहां नवंबर के शुरू में बर्फबारी शुरू हो जाती है। सेना के एक अधिकारी ने बताया कि सर्दियों में सेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए एडवांस स्टाकिंग करने के बाद सेना के वाहन जरूरतों को पूरा करने के लिए आते-जाते हैं।

इस समय बर्फ से लदे जोजिला पास को पार करना आसान काम नहीं है। ऐसे में कारगिल पुलिस प्रशासन सुनिश्चित कर रहा है कि जोजिला पास से गुजरने वाले वाहनों के पहिये पर फिसलन से बचने के लिए लोहे के चैन बंधे हों। लद्दाख में जोजिला का सर्दियों में बंद रहना बीते जमाने की बात हो गया है। जारी वर्ष में सीमा सड़क संगठन ने जोजिला को 28 फरवरी को रिकार्ड 58 दिन में यातायात के लिए खोल दिया था। कोशिश है कि वर्ष 2022 में जोजिला को खुला रखने का नया रिकार्ड बनाया जाए। पहले जोजिला पास 160 से 180 दिन के लिए बंद रहने से लद्दाख छह माह के लिए सड़क मार्ग से देश के विभिन्न हिस्सों से कट जाता था। मार्च से पहले जोजिला पास खोलना संभव नहीं था।

कई आधुनिक विदेशी मशीनों का हो रहा इस्तेमाल : जोजिला व लद्दाख के अन्य दर्रों को खुला रखने के इटली से आई नई स्नो कटर, फ्रेसिया के साथ अन्य कई आधुनिक विदेशी मशीनों का इस्तेमाल हो रहा है। बर्फ में 18,500 फीट की उंचाई पर काम करने में सक्षम विदेशी मशीनें एक घंटे में पांच हजार टन बर्फ हटाने में सक्षम हैं। ये मशीनें 300 मीटर सड़क पर पड़ी करीब पांच फीट बर्फ को एक घंटे में ही हटाकर सड़क को यातायात लायक बना सकती हैं।

नया रिकार्ड बनना तय : कारगिल हिल डेवेलपमेंट काउंसिल के चीफ एग्जीक्यूटिव काउंसिलर फिरोज खान का कहना है कि अब सर्दियों में लद्दाख में विकास के पहिए को रुकने नहीं दिया जा रहा है। पहले जोजिला नवंबर में बंद होते ही लद्दाख देश से सड़क मार्ग से कट जाता था। जोजिला पास खुला रहने के कारण वायुसेना की कारगिल कोरियर सेवा भी सामान्य से कुछ देर बाद ही शुरू होगी। कारगिल में 29 दिसंबर से हेलीकाप्टर सेवा शुरू करने की भी तैयारी थी। जोजिला पास खुला रहने के कारण सड़क से यात्रा कर रहे लोग हेलीकाप्टर सेवा की बुकिंग नहीं करवा रहे हैं।


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