Jammu Road Accident: मेटाडोर पलटने से एक दर्जन यात्री घायल, तीन जम्मू रेफर
Jammu Road Accident इस हादसे के बाद जब घायलों को रामगढ़ सीएचसी ले जाया गया तो सबसे पहले घायलों को उपचार देने के लिए सिर्फ एक-दो डॉक्टर ही मौजूद थीं। उन्होंने सभी घायलों को बारी-बारी से भरसक उपचार दिया।
संवाद सहयोगी, रामगढ़/विजयपुर : विजयपुर-रामगढ़ रोड पर बाना चक में एक मिनी बस सोमवार की शाम को अनियंत्रित होकर सड़क पर पलट गई। इस हादसे में उसमें सवार एक दर्जन यात्री घायल हो गए। इनमें से तीन घायलों को गंभीर चोटें आई। उन्हें प्राथमिक उपचार देने के बाद जम्मू रेफर कर दिया गया। बाकी का इलाज विजयपुर अस्पताल में चल रहा है।
घायलों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। जानकारी के अनुसार जेके02क्यू-8667 नंबर की मिनी बस सवारियों को लेकर विजयपुर से रामगढ़ की ओर जा रही थी। शाम करीब छह बजे जैसे ही वह बाना चक क्षेत्र में पहुंची कि मिनी बस चालक से अनियंत्रित हो गई। देखते ही देखते वह पलट गयी। इस हादसे में मिनी बस में सवार सभी 12 यात्री घायल हो गए। घटना के बाद मौके के मिनी बस का चालक फरार हो गया। मौके पर अफरातफरी और चीख पुकार मच गई। आसपास के लोगों ने बचाव कार्य शुरू किया। मिनी बस से सभी यात्रियों को बाहर निकाल कर रामगढ़ सीएचसी पहुंचाया।
वहां तीन घायलों की हालत ज्यादा गंभीर देखकर उन्हें जीएमसी जम्मू रेफर कर दिया गया। घायलों में सुनील कुमार निवासी रमलू ब्रह्मणा, नेहा निवासी महाल शाह, चंद्रप्रकाश निवासी रमलू ब्रह्मणा, सुमन निवासी महाल शाह, दीक्षा निवासी महाल शाह, संतोष कुमारी निवासी महाल अड्डा, काता देवी निवासी खोखरा चक, रविंदर कौर निवासी रठाना कैंप, सोम देवी निवासी त्रिडी, अमित मसीह निवासी रामगढ़, सुरेश कुमार निवासी महाल शाह और बलबीर सिंह निवासी माडल्याल शामिल हैं। इस सबंध में रामगढ़ पुलिस ने मामले को दर्ज कर मिनी बस के चालक की तलाश शुरू कर दी है।
सीएचसी रामगढ़ में स्टाफ और लाइट की कमी से रोष: इस हादसे के बाद जब घायलों को रामगढ़ सीएचसी ले जाया गया तो सबसे पहले घायलों को उपचार देने के लिए सिर्फ एक-दो डॉक्टर ही मौजूद थीं। उन्होंने सभी घायलों को बारी-बारी से भरसक उपचार दिया। जहां घायलों को एडमिट किया गया था, वहां लाइट भी नहीं थी। सीएचसी में स्टाफ की कमी और लाइट के अभाव पर घायलों के परिवार वालों में रोष था। उनका कहना था कि एक दर्जन लोग हादसे में घायल हो गए हैं, लेकिन उनको उपचार के लिए सिर्फ एक-दो ही यहां हैं। आये दिन रामगढ़ सेक्टर में अंतराष्ट्रीय सीमा पर माहौल खराब हो जाता है तो उस समय भी अस्पताल में ऐसे ही हालात मिलते हैं।
सीएमओ को फोन किया तब लगीं लाइटें: अस्पताल में स्टाफ की कमी और लाइट बंद होने की समस्या पर घायलों के परिवार वालों ने सांबा के सीएमओ डॉ. राजिंदर सम्याल को फोन किया। समस्या का समाधान करने के बदले वे टालमटोल करने लगे। दूसरी बार फिर जब संपर्क किया तब जाकर रामगढ़ अस्पताल के कर्मी हरकत में आये और डॉक्टर भी बुलाए और नई लाइटें भी लगवाई।