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Jammu Kashmir: 5300 करोड़ से बनने वाले 850 मेगावाट के रतले पावर प्रोजेक्‍ट को मंजूरी, जानें कब बनकर होगा तैयार

850 मेगावाट के इस प्रोजेक्ट को एनएचपीसी और जम्मू-कश्मीर बिजली विकास निगम मिलकर बनाएंगे। इसकी लागत 5300 करोड़ की होगी और काम शुरू होने पर 36 महीने में ही प्रोजेक्ट पूरा करना होगा। 776.44 करोड़ का अनुदान केंद्र सरकार देगी।

By lokesh.mishraEdited By: Published: Sat, 28 Nov 2020 07:10 AM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2020 07:56 AM (IST)
Jammu Kashmir: 5300 करोड़ से बनने वाले 850 मेगावाट के रतले पावर प्रोजेक्‍ट को मंजूरी, जानें कब बनकर होगा तैयार
रतले परियोजना से जम्‍मू कश्‍मीर में बिजली क्षेत्र में क्रांति आएगी।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : जम्मू कश्मीर ने पनबिजली उत्पादन के क्षेत्र में एक और महत्वूपर्ण कदम उठा लिया है। प्रदेश को 12 फीसद मुफ्त में बिजली मुहैया कराने वाली रतले पनबिजली परियोजना (Ratle Hydro Power Project) को जम्मू कश्मीर सरकार ने मंजूरी दे दी है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में शुक्रवार को राज्य प्रशासनिक परिषद (SAC) की बैठक में इस संबंध में फैसला ले लिया गया।

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850 मेगावाट के इस प्रोजेक्ट को एनएचपीसी और जम्मू-कश्मीर बिजली विकास निगम (Jammu Kashmir Power Corporation) मिलकर बनाएंगे। इसकी लागत 5300 करोड़ की होगी और काम शुरू होने पर 36 महीने में ही प्रोजेक्ट पूरा करना होगा। इस परियोजना के लिए बिजली निगम को 776.44 करोड़ का पूंजी निवेश केंद्र सरकार की ओर से अनुदान के रूप के दिया जा रहा है।

जम्मू कश्मीर में वर्तमान में 20,000 मेगावाट बिजली की क्षमता है। इसमें से 16,000 मेगावाट की पहचान हुई है। प्रदेश में 1,000 मेगावाट के पक्कल दुल, 624 मेगावाट के कीरू प्रोजेक्ट को बनाने का कार्य चिनाब वैली प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड पहले से कर रहा है।

इसके साथ ही 540 मेगावाट के कबार प्रोजेक्ट लिमिटेड प्रोजेक्ट के लिए राज्य बिजली विकास निगम, एनएचपीसी व पीटीसी इंडिया लिमिटेड के बीच ज्वाइंट वेंचर की दिशा में काम किया जाएगा। अब रतले पावर प्रोजेक्ट को लेकर अहम फैसला होने से जम्मू कश्मीर में जल्द ही 3000 मेगावाट अतिरिक्त बिजली उत्पादन होने लगेगा।

प्रशासनिक परिषद ने पनबिजली प्रोजेक्ट के लिए छूट देने के भी फैसले किए हैं। इस परियोजना से जम्मू कश्मीर को 12 फीसद मुफ्त बिजली की छूट मिलेगी। प्रोजेक्ट बनने के बारहवें वर्ष से मुफ्त बिजली की यह सुविधा मिलने लगेगी। इसके साथ ही दस साल के लिए पानी के इस्तेमाल के खर्च की भी छूट दी गई है। ग्यारहवें साल से प्रोजेक्ट के लिए स्टेट जीएसटी की भरपाई होने लगेगी।

मालिकाना हक पर पेंच सुलझा: प्रशासनिक परिषद ने जम्मू कश्मीर बिजली विकास निगम और एनएचपीसी के बीच रतले परियोजना से ही जुड़े एक और सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने को मंजूरी दे दी। इस पर हस्ताक्षर कुछ दिनों बाद हस्ताक्षर कर दिए जाएंगे। हालांकि, गत वर्ष तीन फरवरी को इस सहमति पत्र पर हस्ताक्षर हो गए थे, लेकिन एनएचपीसी को शत-प्रतिशत मालिकाना हक देने की शर्त का पेंच फंस गया था। गत माह केंद्र सरकार के पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड ने इस प्रोजेक्ट को ज्वाइंट वेंचर में बनाने को मंजूरी दे दी थी।

विकास और रोजगार के खुलेंगे मौके: शुक्रवार को हुए अहम फैसले से इस रतले पनबिजली परियोजना पर तेजी से काम शुरू होने का रास्ता खुल गया है। परियोजना को पहले से ही सारी क्लीयरेंस मिल चुकी हैं। कुछ काम भी शुरू हो गया है। अब इसे तीन साल के अंदर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रोजेक्ट के निर्माण से रोजगार व विकास के अवसर पैदा होंगे।

रतले पावर प्रोजेक्‍ट किश्‍तवाड़ जिले के द्रबशला में चेनाब नदी पर बनाया जाएगा। इस प्रोजेक्‍ट पर 2013 में काम शुरू हो गया था लेकिन बाद में विवाद के कारण काम रोकना पड़ा। इसको जोउ़ने वाली सड़कों का काम हो चुका है। रतले पावर प्रोजेक्ट से पहले किश्तवाड़ में पकलदुल व कीरू पावर प्रोजेक्ट के निर्माण पर कार्य भी चल रहा है।


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