Move to Jagran APP

आतंकी संगठनों में शामिल होने के बाद एक साल के भीतर ही मारे गए 64 प्रतिशत आतंकी

इस साल एक जनवरी से 31 मई के बीच मारे गए आतंकवादियों के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि एक साल के भीतर 64.1 प्रतिशत नए आतंकियों को खत्म कर दिया गया। उन्होंने कहा कि केवल 26.6 प्रतिशत आतंकी भर्ती के 12 महीने से अधिक समय तक चले

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Published: Sun, 03 Jul 2022 06:01 PM (IST)Updated: Sun, 03 Jul 2022 06:01 PM (IST)
आतंकी संगठनों में शामिल होने के बाद एक साल के भीतर ही मारे गए 64 प्रतिशत आतंकी
54.7 प्रतिशत छह महीने के भीतर और 59.4 प्रतिशत नौ महीने के भीतर मारे गए।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : जम्मू-कश्मीर में आतंकी संगठनों में शामिल होने वाले युवाओं की सेल्फ लाइफ बहुत कम है। आतंक में शामिल होने वाले 64 प्रतिशत आतंकियों को सुरक्षाबलों ने एक साल के भीतर ही मार गिराया। अधिकारियों का कहना है कि मजबूत आनग्राउंड इंटेलिजेंस नेटवर्क की मदद से सुरक्षाबलों ने इस साल के पहले पांच महीनों में आतंक विरोधी अभियान तेज किया। हालांकि दक्षिण कश्मीर में लगातार हिंसा अभी भी चिंता का कारण बनी हुई है।

loksabha election banner

अधिकारियों ने इस साल एक जनवरी से 31 मई के बीच मारे गए आतंकवादियों के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि एक साल के भीतर 64.1 प्रतिशत नए आतंकियों को खत्म कर दिया गया। उन्होंने कहा कि केवल 26.6 प्रतिशत आतंकी भर्ती के 12 महीने से अधिक समय तक चले, जबकि उनमें से 9.3 प्रतिशत का पता नहीं चला। अधिकारियों के अनुसार 28.1 प्रतिशत आतंकी एक महीने के भीतर मारे गए। 54.7 प्रतिशत छह महीने के भीतर और 59.4 प्रतिशत नौ महीने के भीतर मारे गए।

अधिकारियों के अनुसार पहले पांच महीनों में 70 से 75 युवा कश्मीर घाटी में विभिन्न आतंकी समूहों में शामिल हुए हैं। दक्षिण कश्मीर घाटी में आतंकियों का अड्डा बना हुआ है। इस साल के पहले पांच महीनों में इस क्षेत्र में सुरक्षाबलों ने 59 आतंकी मारे, जबकि मध्य और उत्तरी कश्मीर में 31 आतंकी ढेर किए गए। जनवरी और मई के बीच घाटी में मारे गए कुल 90 आतंकियों में से 26 पाकिस्तानी थे और यह संख्या पिछले वर्ष की तुलना में बहुत अधिक है जब 100 आतंकवाद विरोधी अभियानों में 20 विदेशियों सहित 182 आतंकी मारे गए थे।

पांच महीने में 45 आतंकियों को गिरफ्तार किया : सैन्य अधिकारियों ने साल के पहले पांच महीने की अवधि में 45 आतंकियों को हथियारों और गोला-बारूद के साथ गिरफ्तार किया गया। अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से घाटी में घुसपैठ की कोशिश के दौरान 47 मुठभेड़ों में मारे गए 90 आतंकवादियों में से छह को नियंत्रण रेखा पर मार गिराया गया। इस साल जनवरी से अब तक लश्कर-ए-तैयबा के सबसे अधिक 52 आतंकियों को ढेर किया और 18 अन्य को गिरफ्तार किया गया। पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद चार्ट में दूसरे स्थान पर था। उसके 20 आतंकी मारे गए और चार अन्य गिरफ्तार किए गए। उसके बाद हिजबुल मुजाहिदीन के 11 आतंकी मारे गए और एक गिरफ्तार हुआ। अलबदर के चार आतंकी मारे गए।

अधिकारियों ने कहा कि दक्षिण कश्मीर के चार जिलों पुलवामा, अनंतनाग, कुलगाम और शोपियां में 59 आतंकियों की हत्या और 10 अन्य की गिरफ्तारी हुई। श्रीनगर में चार पाकिस्तानी आतंकियों सहित 11 की हत्या हुई और चार की गिरफ्तारी हुई। पुलवामा जिले में सात विदेशियों सहित सबसे अधिक 27आतंकी मारे गए। अनंतनाग में 12, कुलगाम में 11, और शोपियां में 9 आतंकी मारे गए।

कुलगाम में मारे गए 11 आतंकियों में पांच विदेशी आतंकी थे। इसी तरह बडगाम जिले में सात और गांदरबल जिले में सबसे कम एक आतंकी मारा गया। उत्तरी कश्मीर में 10 विदेशियों सहित कुल 12 आतंकी मारे गए और 23 अन्य को गिरफ्तार किया गया। इन सभी के पास से भारी मात्रा में गोली बारूद बरामद हुआ। चिंताजनक तथ्य यह है कि इस दौरान सुरक्षाबलों ने आतंक विरोधी अभियानो में 350 पिस्टल भी बरामद की गई। इनमें 92 सिर्फ मई महीने में बरामद की गई।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.