Solar Energy Project : लद्दाख में स्थापित होगा 50 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र, प्रोजेक्टर बनाने के सहमति पत्र पर हस्ताक्षर
अक्षय ऊर्जा उत्पापदन को बढ़ावा देने के लिए उपराज्यपाल प्रशासन लेह हिल डेवलपमेंट काउंसिल व सोलर एनर्जी कारपोरेशन ऑफ इंडिया ने सहमित पत्र पर हस्ताक्षर किए। यह प्रोजेक्ट लेह के तारू इलाके में बनाया जाएगा। उपराज्यपाल ने कहा कि लद्दाख में 33 गीगा वाट अक्षय ऊर्जा उत्पादन की क्षमता है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : लद्दाख को कार्बन रहित बनाने की मुहिम के चलते जल्द ही लद्दाख में 50 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया जाएगा। अक्षय ऊर्जा उत्पापदन को बढ़ावा देने के लिए उपराज्यपाल प्रशासन, लेह हिल डेवलपमेंट काउंसिल व सोलर एनर्जी कारपोरेशन ऑफ इंडिया ने सहमित पत्र पर हस्ताक्षर किए। यह प्रोजेक्ट लेह के तारू इलाके में बनाया जाएगा। इस मौके पर उपराज्यपाल आरके माथुर, लेह हिल काउंसिल के चीफ एग्जीक्यूटिव काउंसिलर ताशी ग्यालसन, सांसद जामयांग सेरिंग नांग्याल, सोलर एनर्जी कारपोरेशन आफ इंडिया के चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर जितेन्द्र नाथ स्वेन, उपराज्यपाल के सलाहकार उमंग नरूला, बिजली विभाग के सचिव रविंद्र कुमार व लेह के डिप्टी कमिश्नर श्रीकांत बालासाहेब सूसे भी मौजूद थे।
इस मौके पर उपराज्यपाल ने कहा कि लद्दाख में 33 गीगा वाट अक्षय ऊर्जा उत्पादन की क्षमता है। ऐसा संभव होने से लद्दाख को कार्बन उत्सर्जन से मुक्ति मिल सकती है। उपराज्यपाल ने सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने की दिशा में लद्दाख के सांसद व लेह हिल काउंसिल की भूमिका की भी सराहना की। उन्होंने बताया कि लद्दाख के अधिकारी हाइड्रोजन एनर्जी से लद्दाख के सोनम नारबू मेमोरियल अस्पताल की बिजली की जरूरत को पूरा करने की दिशा में कार्य कर रहे हैं।
सांसद ने कहा कि सहमति पत्र पर हस्ताक्षर से लद्दाख ने प्रधानमंत्री के कार्बन रहित लद्दाख के सपने को साकार करने की दिशा में एक कदम उठाया गया है। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा उत्पादन क्षेत्र में रोजगार की भी बड़ी संभावनाएं हैं। लिहाजा सहमति पत्र लद्दाख को बिजली उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने उपराज्यपाल प्रशासन से आग्रह किया कि क्षेत्र के स्कूलों व अस्पतालों को सौर्य ऊर्जा से बिजली उपलब्ध करवाने की दिशा में काम किया जाए।
वहीं सचिव रविंद्र कुमार ने बताया कि लद्दाख में 33 गीगा वाट बिजली उत्पादन उत्पादन में से 26 गीगा वाट सौर ऊर्जा से मिल सकती है। उन्होंने बिजली व अक्षय ऊर्जा विभाग द्वारा प्राकृतिक स्रोतों से बिजली दोहन की दिशा में किए जा रहे प्रयासों के बारे में भी जानकारी दी। इस माैके पर जितेंद्र नाथ ने बताया कि 50 मेगावाट सौर ऊर्जा के उत्पादन के लिए हुए सहमति पत्र के तहत 14 से 16 घंटे तक लगातार 16 मेगावाट बिजली मिलेगी। इससे बिजली की खासी जरूरत पूरी होगी। उन्होंने सौर ऊर्जा की भावी योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी।