462 हड़ताली एनएचएम कर्मी बर्खास्त
एक महीने से अधिक समय से हड़ताल पर बैठे नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) कर्मियों पर गाज गिरना शुरू हो गई है। शनिवार को विभिन्न जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों ने 61 कर्मियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया। एनएचएम कर्मी पिछले 35 दिनों से स्थायी नियुक्ति की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं।
राज्य ब्यूरो, जम्मू : एक महीने से अधिक समय से हड़ताल पर बैठे नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) कर्मियों पर गाज गिरना शुरू हो गई है। शनिवार को विभिन्न जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों ने 462 कर्मियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया। एनएचएम कर्मी पिछले 35 दिनों से स्थायी नियुक्ति की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं। कुछ दिन पूर्व ही राज्य के सभी डिप्टी कमिशनरों ने कर्मियों को दो दिन में ड्यटी ज्वाइन करने का नोटिस जारी किया था। इसमें साफ कहा था कि अगर ड्यूटी ज्वाइन नहीं की तो उन्हें बर्खास्त कर दिया जाएगा। सिर्फ घाटी के गांदरबल जिले में ही सभी कर्मियों ने ड्यूटी ज्वाइन की है। इसके अलावा अन्य जिलों में कुछ ही कर्मी ड्यूटी पर लौटे हैं।
शनिवार को गैरहाजिर कर्मियों के खिलाफ प्रशासन ने कार्रवाई करना शुरू कर दिया है। कठुआ जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने सबसे अधिक 413 एनएचएम कर्मियों को नौकरी से बर्खास्त किया है। इसके अलावा ऊधमपुर में छह, राजौरी में नौ, कुपवाड़ा में 10 और बांडीपोरा के 17 कर्मियों को नौकरी से बर्खास्त किया है। अन्य जिलों में पंद्रह कर्मी बर्खास्त किए हैं, हालांकि अधिकारिक तौर पर इसकी किसी ने पुष्टि नहीं कीै।
दो कर्मी अस्पताल में भर्ती
कर्मियों ने बर्खास्तगी को दरिकनार करते हुए हड़ताल को तीन दिन के लिए बढ़ाते हुए आमरण अनशन जारी रखा। अनशन पर बैठे कश्मीर संभाग के एसोसिएशन प्रधान मुनीर अंद्राबी और आजान की हालत खराब होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया है। रोहित सेठ, रमण और रमनीक अभी भी अनशन हैं। एसोसिएशन के जम्मू संभाग के प्रधान रोहित सेठ ने कहा कि इस प्रकार के आदेशों से उनका मनोबाल कम नहीं होगा। जब तक मांगों को पूरा नहीं किया जाता, हड़ताल जारी रहेगी।