तंत्र के गण : कभी अनजान टापू थे निक्की तवी के 45 गांव, अब अर्थ क्रांति के हैं भागीदार
समाज को जोड़ना है तो दूरसंचार प्रभावशाली होना चाहिए। उनके प्रयासों का ही यह प्रतिफल था कि निक्की तवी क्षेत्र में उस जमाने में भी घर घर में टेलीफोन सुविधा थी जबकि तब जम्मू संभाग के अधिकांश क्षेत्र के गांव फोन सुविधा से कोसों दूर थे।
जम्मू, जागरण संवाददाता : कभी कभी ऐसा होता है कि एक बूंद से ही ऐसी अलग जग जाती है कि समाज उसके पीछे चल पड़ता है। 1973 में निक्की तवी क्षेत्र के युवाओं को एकत्र कर नौजवान सभा बनाने वाले स्वर्गीय आरसी गुप्ता आज भी लोगों के दिलों में बसे हुए हैं। युवाओं को समाज से जोड़ने व सद्भाव कायम करने में जो उन्होंने काम किया, से लोग प्रेरणा लेते हैं।
उस समय निक्की तवी क्षेत्र में नदी पर पुल नही होने से लोग जम्मू शहर से कटे रहते थे, मगर आरसी गुप्ता ने समाज को साथ लेकर अथक प्रयास किए। नौजवान सभा का भी साथ मिला तो 1987 में नदी पर पुल बन गया। वह कहते थे कि समाज को जोड़ना है तो दूरसंचार प्रभावशाली होना चाहिए। उनके प्रयासों का ही यह प्रतिफल था कि निक्की तवी क्षेत्र में उस जमाने में भी घर घर में टेलीफोन सुविधा थी, जबकि तब जम्मू संभाग के अधिकांश क्षेत्र के गांव फोन सुविधा से कोसों दूर थे।
समाज को जोड़ना सद्भाव बढ़ना और समाज सेवा करना आरसी गुप्ता का पहला मकसद रहा। इंश्योरेंस कंपनी में अधिकारी रहे आरसी गुप्ता ग्राम सभाएं कर लोगों में एकता का रस भरते थे। श्रमदान शिविरों पर भी पूरा ध्यान देते थे। गांव के युवाओं को बुलाकर श्रमदान कराया जाता। इसके चलते क्षेत्र में कई गांवों के रास्ते समतल किए गए और लाेग शहर से जुड़ सके। जरूरतमंद लोगों को उनके अधिकारों के प्रति भी जागरूक किया जाने लगा। समाज जोड़ने के सफर को आगे बढ़ाते हुए 1990 में तवी वेल्फेयर सोसायटी का गठन किया।
2018 में आरसी गुप्ता की मृत्यु हो गो गई। वह आज हमारे बीच नही हैं, मगर उनके आदर्श सभी लोगों में हैं और उनके द्वारा लगाया गया तवी वेल्फेयर सोसायटी का पौधा लगातार फैल रहा है। उनके काम का ही परिणाम है कि आज सोसायटी आरसी गुप्ता की प्रतिमा अपना वन सुड़े चक में लगाने जा रही हैं।
समाज को जोड़ रही सोसायटी : तवी वेल्फेयर सोसायटी जिसका गठन आरसी गुप्ता ने किया था, आज समाज को जोड़ने , लोगों की दिक्कतों को दूर करने में अहम भूमिका अदा कर रही है। कभी 11 सदस्यों को जोड़ कर बनाई गई इस सोसायटी के अब करीब 100 सक्रिय सदस्य बन चुके हैं। प्रधान मास्टर कवि राज का कहना है कि सामाजिक समरसता व सद्भाव के लिए काम करना और लोगों को उनके अधिकार दिलाना मुख्य मकसद है। आरसी गुप्ता ने जो रास्ता दिखाया था, को आगे बढ़ाने में हम जुटे हुए हैं। हर दो माह में ऐसे कार्यक्रम कराते हैं जिसमें सभी वर्ग के लोगों को बुलाकर उनकी समस्याओं को सुना जाता है। समय समय पर ऐसे सम्मेलन, कार्यक्रम होते हैं ताकि समाज में सद्भाव और गहन हो।
महासचिव यशपाल मल्होत्रा ने कहा कि बुजुर्ग लोग जिनको अकसर आंखों में मोतिया बिंदु की बीमारी हो जाती है। मगर सोसायटी साल में कई बार शिविर लगाकर इन लोगों बीमारी से निजात दिलाती है। जरूरतमंद लोगों को जरूरत का सामान उपलब्ध कराती है। वहीं दूसरी ओर गरीब लड़कियों के विवाह में योगदान देकर सहायता जुटाती है। सोसायटी के सदस्य सुरेंद्र गुप्ता ने कहा कि आरसी गुप्ता के दिखाए मार्ग का अनुसरण करते हुए हम समाज को जोड़ने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।