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शहर के कॉलेजों में कम होगा बोझ

सतनाम ¨सह, जम्मू राज्य के दूर दराज इलाकों में उच्च शिक्षा पहुंचाने और शहरों में पहल

By JagranEdited By: Published: Thu, 07 Feb 2019 02:32 AM (IST)Updated: Thu, 07 Feb 2019 02:32 AM (IST)
शहर के कॉलेजों में कम होगा बोझ
शहर के कॉलेजों में कम होगा बोझ

सतनाम ¨सह, जम्मू

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राज्य के दूर दराज इलाकों में उच्च शिक्षा पहुंचाने और शहरों में पहले से स्थापित कॉलेजों पर बोझ कम करने के उद्देश्य से 42 नए डिग्री कॉलेज खोले जा रहे हैं। सबसे अधिक जम्मू और ऊधपमुर जिलों में चार चार डिग्री कॉलेज खोले जा रहे है। किश्तवाड़ के दूरदराज के इलाके पाडर में भी कॉलेज खोलने को मंजूरी मिल चुकी है। उच्च शिक्षा विभाग ने ं अधिसूचना जारी कर दी है। इसमें करीब बीस कॉलेज अकादमिक सत्र 2019-20 में खोले जा रहे हैं। अन्य कॉलेज सत्र 2020-21 को खोले जाएंगे। अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि कौन से कॉलेज इस सत्र से शुरू किए जा रहे हैं। हर क्षेत्र से यही मांग है कि इस सत्र से कॉलेज को शुरू कर दिया जाए। जम्मू कश्मीर में पहले 113 डिग्री कालेज है। इनमें भी तीस से अधिक डिग्री कॉलेजों को अभी तक अपनी इमारतें नसीब नहीं हुई है। सरकार नए कॉलेजों को नजदीक हायर सेकेंडरी स्कूलों या किराए की इमारतों को शुरु करेगी। इसके लिए सीमित कंबिनेशन ही शुरूकिए जाएंगे विशेषकर आ‌र्ट्स के कांबीनेशन शुरू होंगे। नए कॉलेजों के खुल जाने से दूरदराज इलाकों के विद्यार्थियों को फायदा तो जरूर होगा वहीं शहरों में कालेजों के खुलने से पहले से स्थापित कालेजों पर बोझ कम होगा। शहर में पहले से स्थापित पांच कॉलेजों में शामिल साइंस कॉलेज, मौलाना आजाद मेमोरियल कॉलेज, कॉमर्स कॉलेज, महिला कॉलेज गांधी नगर, महिला कालेज परेड में विद्यार्थियों की प्राथमिकता में कमी इसलिए नहीं है क्योंकि जितने काबीनेशन इन कॉलेजों में उपलब्ध है, उतने कांबीनेशन पिछले सात से लेकर दस साल के अंतराल में खोले गए कालेजों में उपलब्ध नहीं है। कालेजों को चलाने के लिए सरकार को टी¨चग व नान टी¨चग स्टाफ भी जुटाना है। सरकार ने टी¨चग के करीब दो हजार पदों को भरने के लिए स्टेट पब्लिक सर्विस कमीशन को रेफर किया हुआ है। कांट्रेक्ट पर भी कुछ नियुक्तियां होगी। कश्मीर व जम्मू संभाग के दूरदराज इलाकों में कॉलेज खुलने का आने वाले समय में फायदा यह होगा कि जो शहर जाने के कारण पढ़ाई बीच में छोड़ जाते थे या शहरों में मेरिट अधिक होने के कारण दाखिला नहीं ले पाते थे, उन विद्यार्थियों को राहत जरूर मिलेगी।

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डिग्री कॉलेजों का ब्योरा

जिला संख्या क्षेत्र

बड़गाम 1 चडूरा

बांडीपोरा 2 हाजिन, अजास

बारामुला 3 थिनडिम करीरी, डांगीवाचा, बोमई

अनंतनाग 4 पहलगाम या सिलीगाम, छठी¨सह पोरा, वैरीनाग, मट्टन,

कारगिल 1 द्रास

जम्मू 4 नगरोटा, मढ़, कुंजवानी या सैनिक कॉलोनी, सिदड़ा

कठुआ 2 रामकोट, मरहीन

किश्तवाड़ 1 पाडर

कुपवाड़ा 2 विलगाम, लंगेट

कुलगाम 2 फ्रिसल होमीशैलीबाग, काजीगुंड

लेह 1 खलसी

पुंछ 1 मंडी

पुलवाम 2 राजपोरा, अवंतीपोरा

राजौरी 2 डुंगी अट कलेर, पीरी या कोटरंका

रामबन 2 बटोत और ऊखराल

रियासी 1 पौनी

सांबा 3 विजयपुर, पुरमंडल, रामगढ़

शोपियां 1 जैनपोरा वाची

श्रीनगर 3 हैदरपोरा, अलूचीबाग, ईदगाह

ऊधपमुर 4 चनैनी, नीली नाला, डुडु बंसत गढ़, ककरयाल या कटड़ा

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दो ¨प्रसिपलों के पद खाली

जम्मू के साइंस कालेज और मौलाना आजाद मेमोरियल कालेज में इस समय कोई ¨प्रसिपल नहीं है। साइंस कालेज के ¨प्रसिपल सतेंद्र ¨सह 31 जनवरी को सेवानिवृत्त हो गए थे। उसके बाद अभी तक नए ¨प्रसिपल की नियुक्ति नहीं हो पाई। मौलाना आजाद मेमोरियल कालेज के ¨प्रसिपल प्रो. रमेश चंद्र 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हुए थे। उसके बाद आज तक नए ¨प्रसिपल की नियुक्ति नहीं की गई। साइंस कालेज में अटैच ¨प्रसिपल किरण बख्शी 31 जनवरी को सेवानिवृत्त हुई थी। उच्च शिक्षा विभाग का हाल यह है कि किरण बख्शी को किसी कालेज में भेजा नहीं गया और इस टाल मटोल में वह अटैच ही सेवानिवृत्त हो गई। साइंस कालेज और मौलाना आजाद मेमोरियल कालेज में ¨प्रसिपलों के न होने से अभी तक स्टाफ को वेतन नहीं मिला है। इससे स्टाफ सदस्य परेशान है।

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उच्च शिक्षा विभाग के लिए नए कॉलेजों को सुचारु रूप से चलाना किसी चुनौती से कम नहीं होगा। इसका कारण यह है कि ये कॉलेज किराए की इमारतों में खुलेंगे। वहां पर कंबिनेशन सीमित होंगे। बुनियादी ढांचा नहीं होगा इसलिए विद्यार्थियों का रूझान शुरुआती दौर में अधिक नहीं होगा।


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