बीएसएफ ने सरहद के 40 स्कूली बच्चों को 'भारत दर्शन' पर भेजा
कभी जम्मू देखने का सपना संजोने वाले सरहद के कई लाल देश की राजधानी देखेंगे। पहली बार जम्मू पहुंचे कई बच्चे और पहली बार ट्रेन से दिल्ली हुए रवाना।
राज्य ब्यूरो, जम्मू : कभी जम्मू देखने का सपना संजोने वाले सरहद के कई लाल देश की राजधानी देखेंगे। जिन्होंने कभी ट्रेन नहीं देखी थी, राजौरी-पुंछ के सीमांत क्षेत्र के वही बच्चे अब नई दिल्ली में मेट्रो ट्रेन में सफर करेंगे। नई दिल्ली में सीमांत क्षेत्र के 40 बच्चे गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होंगे और देश की सैन्य शक्ति को जानेंगे। गोलीबारी प्रभावित इलाकों में सुविधाओं के अभाव में जीवन बसर करने वाले स्कूली बच्चों का दल सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) जम्मू फ्रंटियर के आइजी एनएस जम्वाल ने मंगलवार को छह दिवसीय 'भारत दर्शन' भ्रमण पर रवाना किया।
बीएसएफ फ्रंटियर मुख्यालय के बीएसएफ वाइव्स वेल्फेयर एसोसिएशन हॉल में हुए कार्यक्रम में बल के वरिष्ठ अधिकारी और जवान भी मौजूद रहे। आइजी ने अभियान पर रवाना होने वाले बच्चों को सम्मानित भी किया। 12 से 17 साल तक के बच्चों के दल में 22 लड़कियां और 18 लड़के शामिल हैं। इनमें आधे बच्चे ऐसे हैं, जो पहली बार जम्मू शहर पहुंचे थे। वहीं, इन्होंने आज तक रेलगाड़ी नहीं देखी थी। देश की स्मृद्ध संस्कृति से रूबरू होंगे बच्चे :
बीएसएफ जम्मू फ्रंटियर के आइजी जम्वाल ने कहा कि बच्चे दिल्ली और आगरा में जाकर देखेंगे कि देश तरक्की की राह पर है। बच्चों को देश की स्मृद्ध संस्कृति को करीब से देखने का मौका मिल रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अभियान से लौटने के बाद बच्चे अपने भविष्य को बेहतर बनाने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे। सीमांत क्षेत्रों में बीएसएफ के ऐसे अभियान काफी मशहूर हैं और बच्चे इनमें हिस्सा लेने के लिए साल भर इंतजार करते हैं। बीएसएफ के डीजी से भी होगी मुलाकात :
'भारत दर्शन' पर रवाना हुए बच्चों को गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने का मौके मिलेगा। दिल्ली, आगरा और फतेहपुर सीकरी देखने के साथ इन बच्चों को दिल्ली में सीमा सुरक्षा बल के डीजी से मुलाकात करने का मौका भी मिलेगा। बीएसएफ इन बच्चों को हर प्रकार का सहयोग देगी। सीमांत बच्चों के दल के साथ शिक्षिका सलीमा बेगम और सीमा सुरक्षा बल की कर्मी सपना भी रवाना हुई हैं।
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