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कश्मीर में भाजपा के सिर्फ 36 प्रत्याशी कश्मीरी पंडित

राज्य ब्यूरो, जम्मू : प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि चुनाव बहिष्कार कर नेशनल कांफ्र

By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Oct 2018 07:29 PM (IST)Updated: Thu, 04 Oct 2018 02:04 AM (IST)
कश्मीर में भाजपा के सिर्फ  36 प्रत्याशी कश्मीरी पंडित
कश्मीर में भाजपा के सिर्फ 36 प्रत्याशी कश्मीरी पंडित

राज्य ब्यूरो, जम्मू : प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि चुनाव बहिष्कार कर नेशनल कांफ्रेंस बुरी तरह फंस गई है। अब कश्मीर में भाजपा के उम्मीदवारों को जीतता देख वह दुष्प्रचार पर उतर आई है।

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कश्मीर में भाजपा पर स्थानीय उम्मीदवारों को नजरअंदाज कर विस्थापित कश्मीरी पंडितों को उम्मीदवार बनाने के नेकां के आरोप पर भाजपा ने कहा है कि नेकां वर्ष 1951 से कश्मीर में लोकतंत्र का मजाक उड़ाती आई है। पार्टी ने वर्ष 1951 में प्रजा परिषद के सभी उम्मीदवारों के नामांकन पत्र रद करवाकर संविधान सभा की सभी 75 सीटें हथिया ली थी।

भाजपा प्रवक्ता ब्रिगेडियर अनिल गुप्ता ने बुधवार दोपहर पार्टी मुख्यालय में स्पष्ट किया कि भाजपा ने कश्मीर में सिर्फ 36 कश्मीरी पंडित विस्थापित उम्मीदवार बनाए हैं। कश्मीर संभाग के विभिन्न जिलों में पार्टी के अन्य सभी उम्मीदवार स्थानीय नागरिक हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडित कश्मीर के निवासी हैं। उन्हें वहां से निकाला गया है। चुनाव लड़ना उनका अधिकार है। नेकां इसे सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रही है। चुनाव बहिष्कार के बाद नेकां के अपने कार्यकर्ता पार्टी से टूटकर चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में हताशा में नेकां लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रही हैं। इस मौके पर ब्रिगेडियर अनिल गुप्ता के साथ भाजपा प्रवक्ता बलवीर राम भी मौजूद थे।

भाजपा नेता ने कहा कि भाजपा ने नेकां के चुनाव बहिष्कार के बाद अपने उम्मीदवार चुने थे। चुनाव की घोषणा होने पर नेकां के प्रधान फारूक अब्दुल्ला ने भी इसकी सराहना की थी। सच यह है कि निकाय चुनाव में हार सामने देख कर नेकां ने 35-ए का मुद्दा बनाकर चुनाव बहिष्कार की घोषणा कर दी।

इसी बीच भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि नेकां कुर्सी हासिल करने की कोशिश कर रही है। इस पार्टी के नेता सरकार बनाने के लिए पीडीपी से भी बैठकें कर रहे हैं। उन्होंने अनुच्छेद 35-ए को लेकर चुनाव बहिष्कार किया था, लेकिन उसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। सच तो यह है कि ये पार्टियां सत्ता हासिल करने के लिए कभी भी कश्मीर की अवाम को धोखा दे सकती हैं।


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