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Cross-Border Terrorism: बच न सकेंगे आतंकी, आतंक के 19 खुफिया रास्तों पर सेना का पहरा हुआ गहरा

आतंकियों की घुसपैठ कराने के लिए ही पाकिस्तानी सेना द्वारा राजौरी-पुंछ में भारतीय ठिकानों पर निरंतर गोलाबारी की जा रही है। मई और जून में गोलाबारी के तमाम रिकॉर्ड ध्वस्त हो गए हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 27 Jun 2020 05:28 PM (IST)Updated: Sat, 27 Jun 2020 05:28 PM (IST)
Cross-Border Terrorism: बच न सकेंगे आतंकी, आतंक के 19 खुफिया रास्तों पर सेना का पहरा हुआ गहरा
Cross-Border Terrorism: बच न सकेंगे आतंकी, आतंक के 19 खुफिया रास्तों पर सेना का पहरा हुआ गहरा

श्रीनगर, नवीन नवाज। नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार गुलाम कश्मीर में पाकिस्तानी सेना द्वारा संचालित लांङ्क्षचग पैड पर आतंकियों की बढ़ती संख्या और जंगबंदी के लगातार उल्लंघन को देखते हुए सेना ने चौकसी बढ़ा दी है। इसके साथ ही सेना ने आतंकियों की घुसपैठ के लिए संवेदनशील 19 खुफिया रास्तों की भी पहचान की है। अंतरराष्ट्रीय सीमा और एलओसी से सटे इन रास्तों पर पुलिस और बीएसएफ के साथ मिलकर विशेष नाके व चौकियां भी स्थापित की हैं।

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संबधित सूत्रों ने बताया कि लश्कर, जैश, अल बदर और हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े करीब 300 आतंकी इस समय गुलाम कश्मीर में 23 लांचिंग पैड पर घुसपैठ के इंतजार में हैं। इनमें से ज्यादातर लांचिंग पैड और आतंकी राजौरी-पुंछ के सामने गुलाम कश्मीर में हैं। पाकिस्तान भी मौका मिलते ही इन आतंकियों को जम्मू कश्मीर में धकेलने की फिराक में हैं। आतंकियों की घुसपैठ कराने के लिए ही पाकिस्तानी सेना द्वारा राजौरी-पुंछ में भारतीय ठिकानों पर निरंतर गोलाबारी की जा रही है। इस वजह से मई और जून में गोलाबारी के तमाम रिकॉर्ड ध्वस्त होते दिख रहे हैं।

उन्होंने बताया कि सेना ने खुफिया एजंसियों और पकड़े गए आतंकियों से पूछताछ के आधार पर बारामुला, कुपवाड़ा, पुंछ, राजौरी और बांडीपोर जिलों में एलओसी के साथ सटे इलाकों में ऐसे 19 रास्तों का पता लगाया है, जिनका इस्तेमाल घुसपैठ के लिए होता है। इन सभी रास्तों पर विशेष नाके व चौकियां स्थापित की गई हैं। इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक सर्वेलांस भी बढ़ाया गया है। उन्होंने बताया कि अग्रिम इलाकों में रहने वाले ग्रामीणों को भी संबधित सुरक्षाधिकारी लगातार स्थिति से अवगत करा रहे हैं और उन्हें सचेत किया जा रहा है कि वह अपने इलाके में किसी भी संदिग्ध गतिविधि या व्यक्ति को देखे जाने पर तुरंत निकटवर्ती पुलिस चौकी या सैन्य शिविर में सूचना दें। इसके अलावा ग्राम सुरक्षा समितियों को भी सक्रिय किया गया है।

30 प्रयास हो चुके हैं विफलः संबधित सूत्रों ने बताया कि इस साल एओसी पर घुसपैठ के 30 प्रयास को नाकाम बनाया गया है। 13 आतंकी घुसपैठ के प्रयास के दौरान एलओसी पर ही मारे गए हैं। 


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