60 जवानों समेत 260 और संक्रमित
राज्य ब्यूरो जम्मू प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले फिर तेजी से बढ़ने लगे हैं। मंगलवार क
राज्य ब्यूरो, जम्मू : प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले फिर तेजी से बढ़ने लगे हैं। मंगलवार को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 60 जवानों और सात पुलिस कर्मियों सहित 260 नए मामले सामने आए। इन्हें मिलाकर अब तक संक्रमितों की संख्या 7497 हो गई है। वहीं, पांच मरीजों की मौत हो गई, जिससे मरने वालों की संख्या 101 हो गई है।
अच्छी बात यह है कि 137 मरीजों को स्वस्थ होने के बाद अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई। अभी तक 4722 मरीजों को छुट्टी मिल चुकी है। स्वास्थ्य विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार मंगलवार को 260 नए मामले आए। इनमें आर्मी गुडविल स्कूल खानबल के सात लोगों में भी संक्रमण की पुष्टि हुई है। इसके अलावा 22 ट्रैवलर और छह गर्भवती महिलाएं हैं। आंकड़ों के अनुसार कुलगाम से 64, श्रीनगर से 46, शोपियां और बडगाम से 19-19, अनंतनाग से 17, पुलवामा से 14, जम्मू से 12, ऊधमपुर से सात, रामबन और कठुआ से पांच-पांच, बांडीपोरा से तीन, राजौरी से दो, कुपवाड़ा, गांदरबल और सांबा से एक-एक मामला आया है।
शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस सौरा में हुए टेस्टों में सीआरपीएफ के 60 जवान संक्रमित आए हैं। जम्मू जिले में आए 12 मामलों में से नौ ट्रैवलर हैं, जबकि शेष सुंजवां, नरवाल और आरएसपुरा से हैं। ऊधमपुर जिले में सात मामलों में छह रामनगर तहसील की गर्भवती महिलाएं हैं। मंगलवार को श्रीनगर के 55, शोपियां के 11, अनंतनाग के पांच, कुपवाड़ा के 17, पुलवामा के 17, बड़गाम के सात, बांडीपोरा के तीन, जम्मू के दो, रामबन के एक, कठुआ के चार, सांबा के दो, पुंछ के तीन और डोडा व किश्तवाड़ के एक-एक मरीज को स्वस्थ होने के बाद अस्पतालों से छुट्टी मिल गई। प्रदेश की जेलों में कोई कैदी कोरोना संक्रमित नहीं
राज्य ब्यूरो, जम्मू: प्रदेश की जेलें फिलहाल कोरोना के संक्रमण से बची हुई हैं। जेलों में किसी भी नए कैदी को कोविड-19 जांच के बाद ही प्रवेश दिया जाता है। यह जानकारी महानिदेशक कारावास वीके सिंह से ने मंगलवार को दी। उन्होंने कहा कि हम कैदियों की बेहतरी के लिए हर संभव कदम उठा रह हैं। जेलों में बंद कैदियों और विचाराधीन कैदियों को अपने परिजनों से मुलाकात-बातचीत के लिए वीडियो कांफ्रेंस की सुविधा प्रदान की गई है। यह कदम कोविड-19 से पैदा हालात के चलते जेलों में मुलाकात पर पाबंदी पर रोक के मद्देनजर उठाया गया है।
कोविड-19 से पैदा हालात का जिक्र करते हुए वीके सिंह ने कहा कि कैदी और जेलकर्मी इससे बचे रहें, इसके लिए हमने प्रदेश प्रशासन को कुछ सुझाव दिए थे। प्रदेश प्रशासन ने उन्हें स्वीकार किया और उनके आधार पर एक एसओपी तय की है। इसका आज सभी जेलों में पालन किया जा रहा है। कैदियों के बीच भी शारीरिक दूरी, मास्क, सैनिटाइजर के सिद्धांत को लागू किया गया है। कई कैदियां को तय नियमों के आधार पर जमानत और पैरोल पर घर भी भेजा गया है। पूरे प्रदेश में 14 कारावास हैं। इनमें 3234 कैदियों को रखने की क्षमता है, लेकिन इस समय 3628 कैदी हैं। क्षमता से लगभग 400 कैदी ज्यादा हैं। लगभग 85 प्रतिशत कैदी पीएसए के तहत हैं। प्रत्येक जेल में हमने क्वरंटाईन सुविधा रखी है। इस समय जेलों में करीब 150 लोग क्वरटांइन हैं। दूसरे प्रदेशों में सौ कम ही कैदी बंद
जम्मू कश्मीर से बाहर देश के अन्य राज्यों की जेलों में बंद प्रदेश के कैदियों के बारे में महानिदेशक कारावास ने कहा कि करीब दो माह पहले तक यह तादाद लगभग 200 थी। आज सौ से नीचे है। करीब 94 लोग उत्तर प्रदेश की जेलों में हैं और एकाध ही हरियाणा की जेल में हैं। कोट भलवाल जेल में मोबाइल फोन की बरामदगी संबंधी सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच चल रही है। मोबाइल फोन को दीवार के बाहर से भीतर फेंका जा सकता है। हमने जेलों के भीतर और जेलों के बाहर सुरक्षा तंत्र में आवश्यक सुधार किए हैं ताकि जेलों में किसी प्रकार से कानून की अवज्ञा न हो।