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मां वैष्णो देवी के भक्तों के लिए 25 से केबल कार सुविधा

वैष्णो देवी की यात्रा पूर्ण नहीं मानी जाती जब तक श्रद्धालु भैरव घाटी जाकर हाजिरी न लगाएं। अब पैसेंजर केबल कार शुरू होते ही सभी श्रद्धालुओं की चाहत पूरी होगी।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 20 Dec 2018 09:21 AM (IST)Updated: Thu, 20 Dec 2018 09:21 AM (IST)
मां वैष्णो देवी के भक्तों के लिए 25 से केबल कार सुविधा
मां वैष्णो देवी के भक्तों के लिए 25 से केबल कार सुविधा

कटड़ा, संवाद सहयोगी। मां वैष्णो देवी के श्रद्धालुओं के लिए खुशखबरी है। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड 25 दिसंबर को वैष्णो देवी मंदिर से भैरो घाटी तक चलने वाली पैसेंजर केबल कार समर्पित करने जा रहा है। इससे पहले श्राइन बोर्ड 24 दिसंबर को टेस्‍टिंग के तौर पर श्रद्धालुओं को निशुल्क पैसेंजर केबल कार उपलब्ध करवाएगा।

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श्राइन बोर्ड वीवीआइपी के हाथों इस महत्वपूर्ण परियोजना का उद्घाटन करवाने की तैयारी में है। श्राइन बोर्ड के सीईओ सिमरनदीप ¨सह ने बताया कि बोर्ड 25 दिसंबर को श्रद्धालुओं को पैसेंजर केबल कार समर्पित करने जा रहा है, जिसको लेकर तैयारियां अंतिम चरण में है। दिव्यांग, मरीज व बुजुर्गो को होगी सुविधा यह केबल कार परियोजना श्रद्धालुओं के लिए वरदान साबित होगी। कारण, वैष्णो देवी मंदिर से भैरव घाटी करीब साढ़े तीन किलोमीटर दूर है, लेकिन कठिन चढ़ाई के कारण दिव्यांग, मरीज और बुजुर्ग श्रद्धालु चाहते हुए भी भैरव घाटी मंदिर नहीं पहुंच पाते थे।

पौराणिक कथाओं के अनुसार तब तक मां वैष्णो देवी की यात्रा पूर्ण नहीं मानी जाती जब तक श्रद्धालु भैरव घाटी जाकर हाजिरी न लगाएं। अब पैसेंजर केबल कार शुरू होते ही सभी श्रद्धालुओं विशेषकर दिव्यांगों, मरीजों और बुजुर्गो की भैरों घाटी जाने की चाहत पूरी होगी। चार वर्ष में पूरी हुई परियोजनामां वैष्णो देवी के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं विशेषकर दिव्यांग, मरीज व बुजुर्ग श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के भैरों मंदिर पहुंच सकेंगे। इसके लिए श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने वर्ष 2014 में पैसेंजर केबल कार परियोजना की शुरुआत की थी। परियोजना को पूरा करने का जिम्मा स्विटजरलैंड की गर्वेन्ता एजी और दामोदर रोपवे कंपनी को सौंपा गया था। करीब 75 करोड़ की लागत से तैयार हुई इस परियोजना को विशेषज्ञों और इंजीनियरों ने पूरा किया। इस परियोजना में लगी दो केवल कार के साथ ही अधिकांश कल-पुर्जे स्विटजरलैंड से आयातित किए गए हैं।

सुरक्षा को लेकर विश्व मानकों का पालन किया गया है ताकि श्रद्धालु बेखौफ पैसेंजर केबल कार का लाभ उठा सकें।

केबल कार की विशेषताएं-

यह देश की पहली और एशिया की सबसे बड़ी केबल कार है- इस केबल कार में एक ही बार करीब 45 श्रद्धालु सफर कर सकेंगे- श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रति सवारी 100 किराया निर्धारित किया गया है- यह केवल कार दिन के समय ही श्रद्धालुओं को उपलब्ध होगी- श्रद्धालु मात्र दो-तीन मिनट में केबल कार से भैरव घाटी पहुंच सकेंगे- प्रतिदिन करीब छह हजार से आठ हजार श्रद्धालु इस केबल कार का लाभ उठा सकेंगे- यह केबल कार पूरी तरह वातानुकूलित है- केबल कार में दिव्यांग श्रद्धालुओं के लिए बैठने की व्यवस्था की गई है- फ‌र्स्ट ऐड मेडिकल के अलावा अन्य सुरक्षा के इंतजाम होंगे - केबल कार में सफर करने के लिए भवन पर मेट्रो रेलवे की तरह काउंटर स्थापित किए गए हैं।


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