जम्मू-कश्मीर में अब तक 200 आतंकवादियों का हो चुका है सफाया
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों ने आतंकवादियों के खात्मे के खिलाफ अभियान को जारी रखते हुए अक्टूबर महीने तक 200 खूंखार आतंकवादियों को मौत के घाट उतार दिया है। सर्दियों के मौसम में भी आतंकवादियों के खात्मे के लिए जारी ऑपरेशन ऑलआउट जारी रहेगा
जम्मू, जेएनएन। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों ने आतंकवादियों के खात्मे के खिलाफ अभियान को जारी रखते हुए अक्टूबर महीने तक 200 खूंखार आतंकवादियों को मौत के घाट उतार दिया है। हालांकि जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक दिलबाग सिंह ने साफ कर दिया है कि सर्दियों के मौसम में भी आतंकवादियों के खात्मे के लिए जारी ऑपरेशन ऑलआउट जारी रहेगा और जब तक कश्मीर से आतंकवादियों का समूल नाश नहीं हो जाता तब तक आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी।
प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, कश्मीर के पुलवामा और शाैपियां में जारी वर्ष में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच अब तक कई मुठभेड़ों हुई हैं। इसमें सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स, भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवानों ने संयुक्त अभियान चलाते हुए जून महीने में सबसे अधिक 49 आतंकवादियों के नापाक मंसूबों को असफल करते हुए उनको मौत के घाट उतारा है जो पिछले वर्ष की तुलना में दोगुना है। गत वर्ष 2019 में सुरक्षाबलों ने कश्मीर घाटी में सक्रिय हिजबुल मुजाहिदीन और अन्य आतंकवादी संगठनों के 157 आतंकवादियों को मार गिराया था। अप्रैल 2020 में सुरक्षाबलों ने 28 आतंकवादियों और जुलाई व अक्टूबर महीने में 21-21 आतंकवादियों को मार गिराने में सफलता हासिल हुई है।
प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, दक्षिण कश्मीर में अक्टूबर महीने तक सबसे ज्यादा मुठभेड़ हुई हैं। इनमें सुरक्षाबलों ने 138 आतंकवादियों को मार गिराया है। इसके अलावा कश्मीर के शौपियां और पुलवामा जिलों में स्थानीय युवाओं के आतंकवादी संगठनों में शामिल होने के उपरांत सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ों में कुल 98 आतंकवादियों को मारा गिराया गया।
भारतीय सुरक्षा बलों को पाकिस्तान की शह पर कश्मीर घाटी में मासूम लोगों और सुरक्षाबलों पर किए गए हमलों में शामिल हिजबुल मुजाहिदीन के 72 खूंखार आतंकवादियों को मार गिराने में बड़ी सफलता हासिल हुई है। जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ जारी ऑपरेशन ऑलआउट से जहां एक ओर आतंकवादी संगठन घबरा गए हैं तो वहीं पाकिस्तान भी इस कार्रवाई से काफी बौखला गया है। यहीं वजह है कि पाकिस्तान की ओर से जम्मू-कश्मीर के सीमांत क्षेत्रों में आए दिन संघर्ष विराम का उल्लंघन कर आतंकवादियों की घुसपैठ करवाने की कोशिशें की जाती रही हैं जिसे सतर्क भारतीय सेना के जवान हर बार असफल बनाने में कामयाब रहे हैं। पाकिस्तान की आइएसआइ और पाकिस्तानी सेना कश्मीर के नौजवानों को बहला फुसलाकर आतंकवादी संगठनों में शामिल करने की जुगत में रहती है।
विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा को सुरक्षाबलों पर हमला करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है जबकि हिजबुल मुजाहिदीन को कश्मीर घाटी में पुलिस और राजनीतिक संगठनों से जुड़े नेताओं को निशाना बनाने का जिम्मा सौंपा गया है। यहीं वजह है कि कुछ दिन पहले कश्मीर घाटी में आतंकवादियों ने भाजपा के तीन कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी थी। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, अभी तक सुरक्षाबल जैश ए मोहम्मद के 37 आतंकवादियों और इस्लामिक स्टेट सहित अन्य आतंकवादी संगठनों के 32 आतंकवादियों को मौत के उतार चुके हैं।