स्कूलों में अनिवार्य हो संस्कृत
जागरण संवाददाता, जम्मू : जम्मू-कश्मीर में संस्कृत भाषा के उत्थान के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाए जा रहे
जागरण संवाददाता, जम्मू : जम्मू-कश्मीर में संस्कृत भाषा के उत्थान के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। यही नहीं संस्कृत भाषा को जानने वालों को भी नौकरियों में उनका हक नहीं मिल रहा है। सरकार को चाहिए कि वह इस अनदेखी को दूर करने के लिए व्यापक कदम उठाए और संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए से इसे पहली कक्षा से अनिवार्य करे।
श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रोहित शास्त्री ने वीरवार को शिक्षा रज्यमंत्री प्रिया सेठी से मुलाकात कर उनके समक्ष यह मुख्य मुद्दे उजागर किए। शास्त्री ने राज्य मंत्री को मांगों का ज्ञापन सौंपते हुए प्रदेश की शिक्षा प्रणाली में पहली कक्षा से संस्कृत भाषा को अनिवार्य करने की माग की। उन्होंने यह अपील भी कि वह आगामी विधान परिषद सत्र में इस मुद्दे पर चर्चा करें और इस संबंध में प्रस्ताव पारित करें।
वहीं, उनके साथ गए विपिन शास्त्री ने कहा कि संस्कृत भाषा के उत्थान के लिए सरकारी स्तर पर कुछ नहीं किया जा रहा है जिसके कारण इसके जानकारों को नौकरियों में बेहतर अवसर नहीं मिल पा रहे हैं। यदि सरकार संस्कृत को स्कूलों में अनिवार्य करती है तो इससे शिक्षक पद सृजित होंगे और संस्कृत जानने वाले युवाओं को नौकरियां मिल पाएंगी। शिक्षा राज्यमंत्री प्रिया सेठी ने प्रतिनिधिमंडल को यकीन दिलाया कि वह इस बारे में अवश्य कदम उठाएंगी। संस्कृत स्कॉलरों के प्रतिनिधिमंडल में डॉ वरुण पाधा, साहिल सेठ, अविनाश शर्मा सहित अन्य शामिल थे।