Jammu Kashmir: कश्मीर में 12 दिन पहले बना जैश का आतंकी गिरफ्तार, हथियार बरामद
एसएसपी बांडीपोर राहुल मलिक ने बताया कि पांजीगाम से करीब 12 दिन पहले इम्तियाज अहमद खान नामक एक युवक अचानक घर से गायब हो गया था। वह जैश ए मोहम्मद का आतंकी था। इम्तियाज 26 जनवरी को सोपोर में एक बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए दाखिल हुआ था
जम्मू, जेएनएन। सुरक्षाबलों ने वीरवार को उत्तरी कश्मीर के बांडीपोरा में जैश ए मोहम्मद के 12 दिन पुराने आतंकी को गिरफ्तार कर लिया। इसी दौरान दक्षिण कश्मीर के पिंजौरा शोपियां में भी सुरक्षाबलाें ने आतंकियों के छिपे होने की सूचना पर घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाया। अलबत्ता इस अभियान के दौरान आतंकियों या उनके किसी ओवरग्राऊंड वर्कर के पकड़े जाने की सूचना नहीं है।
एसएसपी बांडीपोर राहुल मलिक ने बताया कि पांजीगाम से करीब 12 दिन पहले इम्तियाज अहमद खान नामक एक युवक अचानक घर से गायब हो गया था। वह जैश ए मोहम्मद का आतंकी बन गया था। इम्तियाज अहमद 26 जनवरी को सोपोर में एक बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए दाखिल हुआ था लेकिन सुरक्षा प्रबंधों के चलते नाकाम रहा। उसे पकड़ने के लिए उसके ठिकाने पर दबिश भी दी गई थी लेकिन वह भागने में कामयाब रहा था। आज सुबह हमें पता चला कि वह बांडीपोरा की तरफ आरहा है। इसके अाधार पर कुछ खास जगहों पर विशेष नाके लगाए गए और दोपहर बाद वह अपने ठिकाने से पकड़ा गया।
इम्तियाज के पास से पांच हैंड ग्रेनेड, एक पिस्ताैल और कुछ कारतूस मिले हैं। उसके ठिकाने से जैश ए माेहम्मद का साहित्य और कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज भी मिले हैं फिलहाल उससे पूछताछ जारी है।
एसएसपी ने बताया कि इम्तियाज का एक दोस्त उमर शाबान भी आतंकी था। उमर शाबान कुछ समय पहले सोपोर में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारा जा चुका है। इम्तियाज करीब दो साल से आतंकी संगठनों के लिए बतौेर ओवरग्राऊंड वर्कर कामकर रहा था।
इस बीच, शोपियां सें मिली सूचना में बताया गया है कि आज सुबह सेना और पुलिस के एक संयुक्त कार्यदल ने पिंजौरा गांव को चारों तरफ से घेर लिया। सुरक्षाबलों को अपने तंत्र से गांव में आतंकियों के छिपे होने की खबर मिली थी। सुरक्षाबलों ने गांव में आने जाने के सभी रास्ते बंद करते हुए आतंकियाें का ठिकानाहोने के संदेह में करीब दो दर्जन मकानों की तलाशी ली। जवानाें ने गांव में कुछ युवकों से भी संदेह के आधार पर पूछताछ की। अलबत्ता,तलाशी अभियान के दौरान आतंकियों का कोई सु़राग नहीं मिलने पर जवानों ने गांव की घेराबंदी हटा दी और अपने शिविरों में लौट गए।