Move to Jagran APP

तीन वर्ष में 12 आतंकियों ने छोड़ा हिंसा का रास्ता

जागरण संवाददाता, जम्मू : जम्मू-कश्मीर के 12 स्थानीय आतंकवादी हिंसा का रास्ता छोड़ मुख्यधारा मे

By JagranEdited By: Published: Thu, 08 Feb 2018 03:17 AM (IST)Updated: Thu, 08 Feb 2018 03:17 AM (IST)
तीन वर्ष में 12 आतंकियों ने छोड़ा हिंसा का रास्ता
तीन वर्ष में 12 आतंकियों ने छोड़ा हिंसा का रास्ता

जागरण संवाददाता, जम्मू : जम्मू-कश्मीर के 12 स्थानीय आतंकवादी हिंसा का रास्ता छोड़ मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं। हालांकि इनमें से किसी भी आत्मसमर्पण करने के बाद पुनर्वास के लिए आवेदन नहीं किया है।

loksabha election banner

यह लिखित जानकारी मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सदन में एमएलसी कैसर जमशेद लोन, गुलाम नबी मोंगा और अली मुहम्मद डार की ओर से पूछे गए सवाल के जवाब में दी। पिछले दो वर्ष की बात करें तो काफी संख्या में कश्मीरी युवाओं ने आतंक छोड़ अमन का रास्ता अपनाया है। वर्ष 2016 में आतंक का रास्ता अख्तियार करने वालों की संख्या 88 के करीब थी, वहीं वर्ष 2017 में यह संख्या 126 के करीब पहुंच गई।

इन भटके हुए युवाओं को वापिस घर लाने के लिए सरकार ने आत्मसमर्पण नीति के साथ पुनर्वास नीति भी बनाई है। स्थानीय युवाओं को आतंकवाद का रास्ता छोड़ मुख्यधारा में लाने के लिए सरकार उनके परिजनों की मदद भी ले रही है। जो काफी हद तक कारगर साबित हो रही है। मुख्यमंत्री ने यह जानकारी भी दी कि आत्मसमर्पण करने वाले युवाओं को पुनर्वास नीति के तहत डेढ़ लाख रुपये की एफडी, जमा करवाए गए हथियार के एवज में राशि देने के अलावा हर माह दो हजार रुपये की राहत राशि भी दी जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.