स्कूल शिक्षा विभाग के नोटिस का 12 स्कूलों ने दिया जवाब
राज्य ब्यूरो जम्मू प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर स्कूल शिक्षा विभाग के नोटिस का 12 स्कूलों ने जवाब देकर अपना पक्ष रखने की कोशिश की है। मनमाने ढंग से ट्यूशन फीस में बढ़ोतरी करने रि-एडमिशन फीस बढ़ाने स्कूलों से ही पुस्तकें और स्टेशनरी खरीदने या फिर निर्धारित दुकानों से खरीदने के लिए मजबूर करने संबंधी शिकायतों पर शिक्षा विभाग ने नोटिस जारी किया था।
राज्य ब्यूरो, जम्मू : प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर स्कूल शिक्षा विभाग के नोटिस का 12 स्कूलों ने जवाब देकर अपना पक्ष रखने की कोशिश की है।
मनमाने ढंग से ट्यूशन फीस में बढ़ोतरी करने, रि-एडमिशन फीस बढ़ाने, स्कूलों से ही पुस्तकें और स्टेशनरी खरीदने या फिर निर्धारित दुकानों से खरीदने के लिए मजबूर करने संबंधी शिकायतों पर शिक्षा विभाग ने नोटिस जारी किया था। नोटिस का जवाब देने के लिए शुक्रवार अंतिम दिन था। अन्य स्कूल भी शनिवार तक अपना जवाब सौंप देंगे।
डायरेक्टर स्कूल एजूकेशन ने सात मई को नोटिस जारी कर तीन दिन के भीतर स्कूलों से जवाब देने के आदेश दिए थे। शहर के 19 प्राइवेट स्कूलों को नोटिस जारी किए गए थे। नोटिस जारी होने पर स्कूलों के प्रबंधन में खलबली मच गई है। नोटिस में स्कूलों से जवाब तलब किया गया है। इनमें सीबीएसई से मान्यता प्राप्त स्कूल भी शामिल हैं। नोटिस में कहा गया है कि टीमों की जांच रिपोर्ट से पता चला कि स्कूलों ने अधिकृत प्राधिकरण की तरफ से मिडिल स्तर तक मंजूर की गई एनसीईआरटी, सीबीएसई और जेके बोर्ड की पुस्तकों की जगह अपनी मर्जी की पुस्तकें लगवाई। इन स्कूलों ने फीस निर्धारित कमेटी और उच्च न्यायालय के नियमों का उल्लंघन किया है। हालांकि फीस निर्धारित कमेटी ने कहा था कि अधिकतम छह फीसद फीस बढ़ाई जा सकती है। अगर फीस ज्यादा बढ़ानी है तो फीस निर्धारित कमेटी से मंजूरी लेनी होगी। इसके साथ ही तर्क पेश करने होंगे कि फीस में बढ़ोतरी क्यों की जा रही है।
विश्वसनीय सूत्र बताते हैं कि स्कूलों ने फीस निर्धारित कमेटी और विभाग की परवाह नहीं की। फीस में बढ़ोतरी कर दी। रिएडमिशन में कई चार्ज मिला दिए। इस संबंध में डायरेक्टर स्कूल एजूकेशन को शिकायतें मिलीं। इस पर कार्रवाई करते हुए तीन कमेटियों का गठन किया गया। कमेटियों ने स्कूलों का रिकॉर्ड चेक किया और अन्य मुद्दों पर पूछताछ कर रिपोर्ट डायरेक्टर को सौंपी। डायरेक्टर अनुराधा गुप्ता ने कहा कि स्कूलों की तरफ से नोटिस के जवाब मिल रहे हैं। सभी स्कूलों के जवाब मिल जाने पर विचार विमर्श किया जाएगा।
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