जम्मू-कश्मीर में 11 और केंद्रीय कानून प्रभावी गृह मंत्रालय ने अधिसूचना जारी की, दस राज्य कानूनों के नाम भी बदले गए
जम्मू-कश्मीर में 11 और केंद्रीय कानून प्रभावी गृह मंत्रालय ने अधिसूचना जारी की दस राज्य कानूनों के नाम भी बदले गएअधिसूचना में कहा है कि दोनों आदेशों को केंद्र शासित जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (केंद्रीय कानूनों का संयोजन) दूसरा और तीसरा आदेश 2020 कहा जाएगा।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। केंद्र सरकार ने एक और अधिसूचना जारी कर जम्मू-कश्मीर में 11 केंद्रीय कानूनों को तत्काल प्रभाव से प्रभावी बनाया है। इसके साथ ही दस राज्य कानूनों के नाम भी जम्मू-कश्मीर राज्य के दर्जे में बदलाव के अनुरूप बदले गए हैं।
गृह मंत्रालय ने 136 पृष्ठों की अधिसूचना में कहा है कि दोनों आदेशों को केंद्र शासित जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (केंद्रीय कानूनों का संयोजन) दूसरा और तीसरा आदेश 2020 कहा जाएगा। केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला की ओर से यह अधिसूचना जारी की है।
अधिसूचना में कहा गया है कि पांच अगस्त 2019 से पूर्व के जम्मू-कश्मीर राज्य विधानसभा द्वारा बनाए गए कुछ राज्य कानूनों में कुछ शब्द विशेष भी बदले गए हैं। राज्य कानूनों में बदलाव राज्य और सरकार शब्द को क्रमश: केंद्र शासित जम्मू कश्मीर राज्य, केंद्र शासित जम्मू कश्मीर राज्य सरकार से बदला गया है, जबकि पूर्ण जम्मू कश्मीर राज्य के लिए पूर्ण केंद्र शासित जम्मू- कश्मीर राज्य शब्द लागू किया गया है।
जिन राज्य कानूनों में बदलाव किया गया है, उनमें जम्मू कश्मीर म्यूनिसिपल अधिनियम 2000, जम्मू कश्मीर नगर निगम अधिनियम 2000, जम्मू कश्मीर स्कूल शिक्षा अधिनियम 2002, जम्मू कश्मीर स्कूल शिक्षा बोर्ड अधिनियम 1975, जम्मू कश्मीर कापोरेटिव सोसाइटी अधिनियम 1989, जम्मू कश्मीर आत्मनिर्भर कारपोरेटिव अधिनियम 1999 और जम्मू कश्मीर राज्य विधानमंडल के सदस्यों के वेतन व भत्ता अधिनियम 1960, जम्मू-कश्मीर विधानमंडल में विपक्ष के नेता का वेतन व भत्ता अधिनियम 1985, जम्मू कश्मीर वस्तु एवं सेवाकर अधिनियम 2017 और जम्मू कश्मीर महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण अधिनियम 2018 शामिल हैं।
प्रभावी किए गए 11 केंद्रीय कानूनअनियंत्रित जमा योजना पाबंदी अधिनियम 2019, भवन एवं अन्य निर्माण कर्मकार (नियोजन एवं सेवा शर्तों का विनियमन) अधिनियम 1996, ठेका श्रम (विनियमन एवं उत्सादन) अधिनियम 1970, कारखाना अधिनियम 1948, औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947, औद्योगिक नियोजन रोजगार (स्थायी आदेश) अधिनियम 194, मोटर परिवहन कर्मचारी अधिनियम 1961, फार्मेसी अधिनियम 1948, विक्रय संवर्दन कर्मचारी अधिनियम 1976, पथ विक्रेता (आजीविका संरक्षण व पथ विक्रय विनियमन) 2014 और ट्रेड यूनियन अधिनियम 1926 शामिल हैं।