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घर भेजने के लिए स्कूल के एक कमरे में ठूंस दिए छत्तीसगढ़ के 100 मजदूर

एक हफ्ते से बिना शारीरिक दूरी का पालन किए रहने को मजबूर हैं मजदूर। रोजाना नहीं मिल रहा भोजन।

By JagranEdited By: Published: Sat, 06 Jun 2020 05:44 AM (IST)Updated: Sat, 06 Jun 2020 05:44 AM (IST)
घर भेजने के लिए स्कूल के एक कमरे में ठूंस दिए छत्तीसगढ़ के 100 मजदूर
घर भेजने के लिए स्कूल के एक कमरे में ठूंस दिए छत्तीसगढ़ के 100 मजदूर

-एक हफ्ते से आरएसपुरा के सरकारी स्कूल में रखे गए हैं छत्तीसगढ़ के मजदूर

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-शारीरिक दूरी का नहीं कर पा रहे पालन, भोजन भी नहीं बना पा रहे संवाद सहयोगी, आरएसपुरा: कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते लॉकडाउन में अपने घर जाना चाह रहे छत्तीसगढ़ और अन्य कई राज्यों के मजदूरों को सरकारी स्कूल के एक कमरे में रखा गया है। यहां उनके लिए न तो बेड है और न अन्य सुविधाएं। ऐसे में एक ही कमरे में सभी मजदूर नीचे जमीन पर ही चादर बिछाकर बिना पर्याप्त दूरी बनाए रह रहे हैं। प्रशासन ने सभी मजदूरों को उनके राज्यों में भेजने के लिए कटड़ा तक बसों से भेजने का प्रबंध करने के लिए कहा था, जहां से उन्हें श्रमिक स्पेशल ट्रेन सरकार द्वारा उपलब्ध होगी।

जानकारी के मुताबिक प्रशासन से 100 प्रवासी मजदूरों को यह कहकर छह दिन से आरएसपुरा के सरकारी हायर सेकेंडरी स्कूल के एक कमरे में रखा है कि वह उनको जल्द उनके राज्य भेजने का प्रबंध करेगा। छह दिन बाद भी ये मजदूर अपने राज्य नहीं जा पाए हैं, ऐसे में उनमें रोष पनप रहा है। एक ही कमरे में 100 मजदूरों को रखने से इनके लिए पर्याप्त दूरी बनाकर रहना भी संभव नहीं है। छत्तीसगढ़ के श्रमिक बालाराम, ऋषिपाल, गणेश कश्यप, सोहन साहू, राजकुमार, मोंगरा भाई आदि ने बताया कि प्रशासन ने उनको 31 मई को आरएसपुरा तहसील कार्यालय पहुंचने के लिए कहा था। यहां से उन्हें रात में बस से कटड़ा भेजा जाना था, लेकिन अब तक वे सरकारी स्कूल के इस कमरे में ही पड़े हुए हैं। चना-चावल पकेगा, तब तो खाएंगे

मजदूरों ने बताया कि जब वे स्कूल में आए तो पहले दो दिन तो लोगों ने उन्हें भोजन उपलब्ध करवाया, लेकिन उसके बाद यह भी बंद हो गया। प्रशासन ने प्रति व्यक्ति एक किलो चना और चावल दिए, लेकिन भोजन पकाने के लिए उन्हें कुछ नहीं दिया गया। ऐसे में वे जैसे-तैसे गुजारा कर रहे हैं। उनका कहना था कि वे प्रतिदिन प्रशासनिक अधिकारियों से मिलते हैं, लेकिन कुछ नहीं हो रहा है। मजदूरों का कहना था कि यदि एक-दो दिन में प्रशासन ने उन्हें घर नहीं भेजा, तो वे पैदल ही अपने घरों के लिए निकल लेंगे। ------------

स्कूल में रखे गए सभी मजदूरों को नि:शुल्क ट्रेन से भेजा जाना है। अभी कोई ट्रेन नहीं जा रही है। जब ट्रेन उपलब्ध होती है तो इनको भेज दिया जाएगा। प्रशासन की तरफ से उनके लिए इंतजाम किए गए हैं।

-रामलाल शर्मा, एसडीएम आरएसपुरा


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