आग लगने से 10 कनाल धान की फसल स्वाहा
गांव कोटली चाढ़कां में किसान गरीब दास ने अपनी धान की फसल को काटकर इकट्ठा किया था ताकि दूसरे दिन सुबह धान और पराली अलग किया जा सके।
संवाद सहयोगी, बिश्नाह : गांव कोटली चाढ़कां में किसान गरीब दास ने अपनी धान की फसल को काटकर इकट्ठा किया था ताकि दूसरे दिन सुबह धान और पराली अलग किया जा सके। रात भर उस फसल की रखवाली के लिए वह खुद भी खेत में ही सो गया, लेकिन रात 11:00 बजे के करीब अचानक रहस्यमय परिस्थितियों में काटी गई धान की फसल में आग लग गई और पूरी फसल जलकर राख हो गई। फसल की रखवाली कर रहे किसान गरीब दास को इस बात का पता, तब चला जब आग ने उसको भी घेर लिया। किसी तरह से उसने अपनी जान बचाई।
आग की लपटें इतनी तेज हो चुकी थी कि गरीब दास फसल को बचा नहीं सका। फसल के साथ गरीब के सारे अरमान भी जलकर राख हो गए। हालांकि ग्रामीण आग बुझाने दौड़े और पुलिस को भी सूचना दी। मौके पर फायर ब्रिगेड पहुंचकर आग पर काबू पाया। लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। गरीब दास ने बताया कि उसने किसी के खेत में आधी फसल देने की शर्त पर फसल लगाई थी। दस दिन लगाकर इसको काटा था। फसल अच्छी थी। उसने सुबह धान निकाल कर खेत के मालिक को आधा फसल देने वाला था, लेकिन किसी ने शरारत करते हुए इसमें आग लगा दी। वहीं मौके पर पहुंचे पूर्व सरपंच सुरेंद्र सिंह व किसान नेता शमशेर सिंह ने तहसीलदार को मौके पर पहुंच कर किसान की मदद करने की मांग की। कहा किसान की साल भर की मेहनत अग्नि भेंट चढ़ गई है। इस की मदद के लिए प्रशासन को आगे आना चाहिए।