ढलान पर पलटी मिनी बस, मालिक की मौत, 10 घायल
ढलान पर बेकाबू होकर मिनीबस पलटी मालिक की मौत दस घायल
संवाद सहयोगी, अखनूर : सेरी पंडिता से अखनूर जा रही मिनी बस के घरोटा के अगोर गांव के पास ढलान पर ऊपर से नीचे आते समय तीखे मोड़ पर बेकाबू होकर पलट जाने से मिनी बस में कंडक्टरी कर रहे मालिक देवी दयाल (35) उर्फ काका पुत्र मिल्खी राम निवासी अगोर की मौत हो गई। इस हादसे में मिनी बस में सवार दस अन्य यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए। इसमें से नौ घायलों को गंभीर हालत में जीएमसी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
हादसा रविवार को उस समय हुआ, जब सेरी पंडिता से सवारियों को लेकर मिनी बस अखनूर के लिए निकली। मिनी बस में महिला सवारियां भी बैठी थीं। जब मिनी बस घरोटा के अगोर गांव में ढलान पर पहुंची तो चालक उस पर नियंत्रण नहीं रख पाया। ढलान पर ही एक तीखा मोड़ भी आ गया, जहां मुड़ते ही मिनी बस पलट गई। हादसे के समय मिनी बस के साथ उसका मालिक देवी दयाल कंडक्टरी कर रहा था। वह मिनी बस के दरवाजे के पास खड़ा था। मिनी बस के पलटते ही देवी दयाल नीचे दब गया, जबकि हादसे में मिनी बस में सवार दस यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए।
हादसा पेश आते ही स्थानीय लोगों ने बचाव कार्य शुरू कर दिया। उन्होंने पुलिस को भी हादसे की सूचना दे दी। सूचना मिलते ही घरोटा पुलिस स्टेशन से पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और उन्होंने स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को मिनी बस से निकाल उन्हें अखनूर अस्पताल पहुंचाया। यहां दस में से नौ घायलों आसिफ (34), उत्तम सिंह (45), प्रकाश राम (75) तीनों निवासी रांजन, दो किशोरों असमत (15), सचिन (15) दोनों निवासी घरोटा, विश्वदेव सिंह (10) निवासी कैंग, भूषण (25) निवासी पंगेयाड़ी, महिला राधु देवी (32) निवासी सेरी पंडिता, शकुंतला देवी (40) निवासी घरोटा और रूबी (35) निवासी कैंग को जीएमसी अस्पताल रेफर कर दिया गया। वहीं, हादसे में घायल किरण बाला (45) निवासी नदवाल का अखनूर अस्पताल में उपचार किया गया। उधर, पुलिस ने हादसे में मारे गए मिनी बस के मालिक के शव को कब्जे में लेकर उसका अखनूर अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाकर शव उसके परिजनों के हवाले कर दिया। घरोटा पुलिस ने इस संदर्भ में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। ---------------
चीख-पुकार सुन देवदूत बन कर आए ग्रामीण
जैसे ही मिनी बस घरोटा गांव में ढलान पर तीखा मोड़ काटते पलटी तो बस में सवार यात्रियों ने चीख-पुकार शुरू कर दी। ऐसे में ग्रामीण देवदूत बन कर आए और उन्होंने तुरंत ही मिलकर बस को सीधा करना शुरू किया। जब तक पुलिस मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने कई घायलों को बस में से निकाल लिया था। पुलिस के आते ही घायलों को अस्पताल ले जाया गया। यदि ग्रामीणों ने समय पर घटनास्थल पर पहुंचकर बचाव कार्य नहीं किया होता तो घायलों की हालत और खराब हो सकती थी।