हॉकी फ्लैश बैक: चौथे हॉकी विश्व कप में पाकिस्तान दूसरी बार फिर बना चैंपियन
1978 में चौथे हॉकी विश्व कप का आयोजन पाकिस्तान के लिए यादगार बन गया।
फ्लैश बैक 1978
-पाकिस्तान दूसरी बार बना चैंपियन
अर्जेटीना के शहर ब्यूनस आयर्स में 1978 में चौथे हॉकी विश्व कप का आयोजन पाकिस्तान के लिए यादगार बन गया। पाकिस्तान ने नीदरलैंड्स को हराकर दूसरी बार विश्व खिताब अपने नाम किया, तो भारतीय टीम को छठे स्थान से संतोष करना पड़ा। वहीं, मेजबान अर्जेटीना 14 टीमों के इस टूर्नामेंट में आठवें स्थान पर रहा। पूल-ए में शामिल भारतीय टीम छह मुकाबलों में तीन जीत के साथ सात अंक ही हासिल कर पाई और तीसरे स्थान पर रही, जबकि इस पूल से ऑस्ट्रेलिया और पश्चिम जर्मनी ने सेमीफाइनल में जगह बनाई। विश्व चैंपियन के तौर पर टूर्नामेंट में खेलने उतरी भारतीय टीम को कनाडा और पश्चिम जर्मनी के खिलाफ अप्रत्याशित हार का सामना करना पड़ा। पांचवें स्थान के लिए खेले गए मुकाबले में भी भारतीय टीम को स्पेन के हाथों शिकस्त झेलनी पड़ी। नीदरलैंड्स के पॉल लिजेंस ने टूर्नामेंट में सर्वाधिक 15 गोल किए।
फ्लैश बैक 1982
-भारत की मेजबानी में जीता पाक
1982 में भारत ने पांचवें हॉकी विश्व कप का आयोजन किया। मुंबई में 12 टीमों के इस टूर्नामेंट में 42 मुकाबले खेले गए, जिसमें रिकॉर्ड 216 गोल हुए। फाइनल में पश्चिमी जर्मनी को 3-1 से हराकर पाकिस्तान तीसरी बार विश्व चैंपियन बना। भारत एक बार फिर सेमीफाइनल में जगह बनाने से मामूली अंतर से चूक गया, लेकिन सोवियत यूनियन को उसने इस टूर्नामेंट में दो बार करारी मात दी। भारत ने सोवियत यूनियन को ही हराकर पांचवां स्थान हासिल किया। हालांकि, एक बार फिर सुर्खियां पाकिस्तान बटोर ले गया, जिसने लगातार दूसरे विश्व कप में बिना कोई मैच हारे खिताबी जीत हासिल की। पाकिस्तान के कलीमुल्लाह खान ने इस आयोजन में सर्वाधिक 12 गोल किए और पाकिस्तान को चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाई।