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EXCLUSIVE: अब हमें भी काफी एक्सपोजर मिलने लगा है : रानी रामपाल

रानी रामपाल ने कहा कि मुझे लगता है कि क्रिकेट के बाद अगर कोई खेल संघ इतने पेशेवर तरीके के काम करता है तो वो हॉकी इंडिया है। हॉकी इंडिया के पुरस्कार समारोह में महिला टीम को भी बराबर की राशि दी जाती है।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Fri, 25 Sep 2020 09:19 PM (IST)Updated: Fri, 25 Sep 2020 09:19 PM (IST)
EXCLUSIVE: अब हमें भी काफी एक्सपोजर मिलने लगा है : रानी रामपाल
भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल (एपी फोटो)

भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल का मानना है कि महिला टीम को मिलने वाली सुविधाओं की बात हो या फिर से ट्रेनिंग शुरू करने का फैसला, हॉकी इंडिया अपना काम अच्छे से कर रहा है। रानी रामपाल से अभिषेक त्रिपाठी ने कुई मुद्दों पर बातचीत की। पेश हैं प्रमुख अंश :-

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-हॉकी इंडिया ने हाल में महिला हॉकी के लिए क्या-क्या किया है और महिला हॉकी कितना आगे बढ़ी है?

--हॉकी इंडिया कई वर्षो से महिला और पुरुष दोनों ही टीमों के लिए काफी अच्छा काम कर रहा है। मुझे लगता है कि क्रिकेट के बाद अगर कोई खेल संघ इतने पेशेवर तरीके के काम करता है तो वो हॉकी इंडिया है। हॉकी इंडिया के पुरस्कार समारोह में महिला टीम को भी बराबर की राशि दी जाती है। इससे महिला हॉकी को भी काफी वित्तीय सहायता मिलती है। पुरुष टीम की तरह अब हमें भी काफी एक्सपोजर मिलने लगा है। जूनियर महिला टीम के कैंप में भी वही सुविधाएं मिलती हैं जो सीनियर टीम को मिलती हैं।

-खेल संघ के पेशेवर होने से खिलाडि़यों को क्या फायदा होता है?

--खिलाडि़यों को ऐसा महसूस होता है कि हमारा खेल संघ अच्छे से काम कर रहा है। ऐसे में उनका पूरा फोकस खेलने और अच्छा प्रदर्शन करने पर रहता है। बाकी चीजों जैसे मेडिकल समस्याएं, चोटिल होने पर रिहैबिलिटेशन के लिए साई की मंजूरी लेने आदि पर उनका ध्यान नहीं रहता। सभी को पता होता है कि हॉकी इंडिया सब मैनेज कर लेगा।

-कोरोना काल में आप अपने आपको आगे के लिए कैसे तैयार कर रहे हैं?

--मुझे लगता है कि साई से बात करके हमारा ट्रेनिंग शुरू कराने में हॉकी इंडिया ने काफी बड़ी भूमिका निभाई है। अभी काफी अच्छी ट्रेनिंग चल रही है और हम धीरे-धीरे अपनी फिटनेस वापस हासिल कर रहे हैं।

--आप पहले भी ट्रेनिंग करते थे और अब भी कर रहे हैं, क्या बदलाव आया है?

--अब हम बाहर नहीं जा सकते हैं। लेकिन, हम लोग बेंगलुरु के साई कैंपस में रहते हैं जो काफी अच्छा है। हम कैंपस में धूम सकते हैं। हम ट्रेनिंग करते हैं तो हमारा सपोर्टिग स्टाफ भी हमारा काफी ध्यान रखता है।

--कोरोना की वजह से ओलपिंक एक साल आगे बढ़ गया है। इसे कैसे देखते हैं?

--हम लोग इसे लेकर काफी उत्साहित हैं। हमें एक साल का अतिरिक्त समय मिला है, जिसमें हम अपने आप को पूरी तरह से तैयार कर सकते हैं।


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